ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार की सुबह रास्ते से ट्रैक्टर निकालने के विवाद में दो पक्षों में खूनी संघर्ष हुआ. रबूपुरा के भीकनपुर गांव में एक पक्ष ने दलितों पर हमला कर दिया, जिसमें मारपीट, पथराव और फायरिंग में 1 की मौत हो गई, जबकि ग्रामीणों ने घटना के विरोध में कोतवाली में जमकर हंगामा किया. गांव में एक साल से जातिगत नफरत की आग सुलग रही थी, जहां एक साल पहले भी एक दलित युवक की हत्या हुई थी, और पुलिस ने 14 नामजद और 12 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. मुठभेड़ के बाद नामजद तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो फिर से राजनीति का विषय बन गया है.
पुलिस ने बताया कि भीकनपुर गांव के दलित शीशपाल शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे ट्रैक्टर लेकर खेत की ओर जा रहा था. आरोप है कि गांव के दूसरे समाज के एक व्यक्ति की गाड़ी सड़क पर खड़ी थी, इसलिए शीशपाल ने गाड़ी निकालने के लिए कहा, लेकिन दोनों के बीच बहस हुई और शीशपाल के पिता विजयपाल ने आरोपियों को शिकायत देने के लिए पहुंचे तो उन्होंने लोहे की रॉड से वार कर उसका सिर फोड़ दिया. उन्हें बचाने पहुंचे अन्य लोगों पर भी आरोपियों ने हमला कर दिया. कमल, शनि और शरबती गोली लगने से घायल हो गए, और कमल को अस्पताल ले जाते समय मर गया.
भीकनपुर गांव में दो पक्षों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद जमकर बवाल हुआ. दलित समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रबूपुरा कोतवाली का घेराव किया और लगभग पांच घंटे तक नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था शिव हरि मीणा ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझा बुझाकर शांत किया.
कोतवाली में हंगामा कर रहे दलित पक्ष के लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में गोलीबारी की सूचना पर पहुंची डायल 112 की गाड़ी ने दो हमलावरों को दबोच लिया था, जिन्होंने आरोप लगायाकि पुलिस ने उन्हें रास्ते में छोड़ दिया था. पीड़ित पक्ष घायलों को लेकर कोतवाली पहुंचा तो पुलिस ने उन्हीं पर झगड़ा करने का आरोप लगाया . गोली लगने से घायल लोग कोतवाली में काफी देर तक तड़पते रहे, लेकिन पुलिस मामले को दबाने में लगी थी. बाद में, घायलों को अस्पताल ले जाते समय पुलिस ने उनके परिजनों को साथ ले जाने से मना कर दिया, जिससे ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोपियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया और जमकर नारेबाजी की.
पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत कर मुकदमा दर्ज कर लिया है, पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था शिवहरि मीणा ने बताया. मुठभेड़ के दौरान तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है. मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने तीन टीमों का गठन किया, जो जल्द ही नामजद आरोपी नितिन त्यागी, निखिल त्यागी और आशु त्यागी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करेंगे.
पहले भी रंजिश में हो चुकी है एक हत्या
यह बताया जाता है कि पिछले साल भीकनपुर गांव में दलितों और आरोपियों के बीच जातीय तनाव पैदा हो गया था, जिसमें एक दलित व्यक्ति की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी, जिसके परिजनों ने गांव के ही कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था और आरोपी अभी भी जेल में हैं. शुक्रवार को हुई घटना के पीछे भी यही विवाद है.
शव गांव में पहुंचा तो फूटा लोगों का गुस्सा
शुक्रवार रात करीब 9 बजे युवक का शव गांव पहुंचा, जिससे दलित समाज के लोग आक्रोशित हो गए . आरोपियों के घर की तरफ लोगों ने कूच कर दिया. पुलिस ने किसी तरह लोगों को रोका, लेकिन हंगामा करते हुए मृतक आश्रित परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग की गई. स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस और कुछ राजनीतिक लोगों ने हस्तक्षेप किया, अधिकारियों ने आर्थिक मदद देने का भरोसा दिया, जिससे लोग शांत हुए. फिर पुलिस ने सब का अंतिम संस्कार करने की कोशिश की, लेकिन परिवार ने रात होने का हवाला देकर अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. अब शव शनिवार की सुबह किया जाएगा.
ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में कमल को घायल किया गया था, जहां वह मर गया. भीड़ ने शव लेने की मांग की, सभी को सड़क पर रखकर जाम लगाने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस ने शव देने से मना कर दिया. इस बीच, ग्रामीणों और पुलिस के बीच झगड़ा हुआ.