उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात भीषण आग लगने से 10 नवजात की मौत हो गई. अग्निकांड इतना भयानक था कि कोई इसे दोहरा नहीं पा रहा है. इस बीच हादसे के कई दिल दहला देने वाले वीडियो भी सामने आया है. जिसमें नवजात बच्चों के मां-बाप को बिलखते हुए देखा जा सकता है. जिम्मेदार एक्शन लेने की बात कह रहे हैं, लेकिन कितना एक्शन होगा यह तो सभी को पता है.
एक मां-बाप बिलख रहे हैं… उनका ये रूदन कलेजा चीर दे रहा है… हम आप जानते हैं कि जब कोई बच्चा स्कूल से थोड़ा से लेट हो जाता है तो हम लोग परेशान हो जाते हैं. मां-बाप कह रहे हैं कि “हमाय बच्चा नहीं मिल रहा…” लेकिन इन मां-बाप को कौन बताएगा कि अब तुम्हारा बच्चा कभी नहीं मिलेगा, क्योंकि वो “वर्ल्ड क्लास सुविधाओं” की भेंट चढ़ गया.
अगस्त 2017 का वो दिन जब 60 बच्चों की हुई थी मौत
बता दें कि यूपी के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मौत हो गई थी. इसी तरह से कल रात 15 नवंबर 2024 झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग में 10 नवजात बच्चे जलकर मर गए. कड़े निर्देश धरे के धरे रह गए… इन 7 वर्ष 3 माह 5 दिन में कुछ भी नहीं बदला.
कैसे हुई थी गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में घटना
10 अगस्त 2017 की शाम गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल में एक दर्दनाक घटना हुई थी. इस अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति अचानक खत्म हो गई. इस घटना के चलते 5 दिनों में लगभग 80 से अधिक मरीजों की मौत हो गई, जिनमें 63 बच्चे और 18 वयस्क शामिल थे.
ऐसा दर्द जिसे भुला पाना मुश्किल…
घटना के बाद सियासत शुरु हुई है. प्रशासनिक लापरवाही और व्यवस्था की कमजोरियां उजागर हुईं. अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था. लेकिन, इस सबके बीच जिन परिवारों ने अपने बच्चों और प्रियजनों को खोया, उनके लिए यह एक ऐसा दर्द है जिसे भुला पाना मुश्किल है.
मुआवजे की राशि बढ़ी, लेकिन सिस्टम नहीं!
इस मामले पर सीएम योगी ने दुख जताया है और मुआवजे का ऐलान किया है. सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि प्रशासन फौरन मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता उपलब्ध करवाएं. शुक्रवार देर रात घटना की सूचना मिलते ही सीएम ने रातों-रात उपसीएम बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा.