केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. ठाणे में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, ’26/11 का हमला मुंबई में हुआ था . मुंबई आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को संभालने के तरीके को लेकर यूपीए सरकार की आलोचना की. नड्डा ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार पर पाकिस्तान के प्रति निष्क्रिय रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया,UPA सरकार डोजियर लेकर पाकिस्तान जाती रही और अजमल कसाब को बिरयानी परोसी गई.’
जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी संविधान को नहीं समझते और इसका अपमान करते हैं, जबकि वे जानते हैं कि डॉ. भीम राव आंबेडकर ने धार्मिक आधार पर आरक्षण का समर्थन नहीं किया था. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कर्नाटक और तेलंगाना में अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण देना चाहती है. नड्डा ने कहा, “गांधी नहीं जानते कि संविधान धार्मिक आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता. उन्हें संविधान का ककहरा तक नहीं पता. वह अपनी “मोहब्बत की दुकान” में नफरत की सामग्री बेचते हैं.”
लोकसभा चुनावों और महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों में, राहुल गांधी संविधान की एक प्रति दिखाकर मतदाताओं को बता रहे हैं कि भाजपा इसे बदलना चाहती है और आरक्षण को खत्म करना चाहती है. नड्डा ने देश को भरोसा और नेतृत्व देने के साथ-साथ विकास कार्यों को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की, कहते हुए, “हमें तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति को रोकना होगा. तेलंगाना और कर्नाटक में SC, ST और OBC के लिए आरक्षण खत्म करके कांग्रेस अल्पसंख्यकों को आरक्षण देना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया और देश को नेतृत्व और भरोसा देने के साथ-साथ विकास कार्यों को गति देने के लिए उनकी सराहना की.
कांग्रेस ने घोषणापत्रों को महत्व नहीं दिया और अक्सर एक ही तरह के वादे करती है, जेपी नड्डा ने कहा, “मोदी सरकार सत्ता समर्थक है, गरीब समर्थक है, किसान समर्थक है, युवा समर्थक है, दलित समर्थक है, महिला समर्थक है. यह जिम्मेदार और जवाबदेह है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करना अपनी आदत बना ली है.” नड्डा ने कहा कि 2014 से पहले, कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में दुनिया भारत और पाकिस्तान को एक समान मानती थी और उनकी यात्रा के बाद पड़ोसी देश के लाहौर या रावलपिंडी में ठहराव होता था, लेकिन अब कूटनीतिक शब्दावली बदल गई है.