महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल काॅलेज में बड़ा हादसा हो गया. जिसमें चाइल्ड वार्ड में आग लगने से नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई. ये हादसा शुक्रवार रात करीब 10 बजे का बताया जा रहा है. आग के बीच चाइल्ड वार्ड की खिड़की तोड़कर कई बच्चों को निकाला गया. प्रशासन ने 10 बच्चों की मौत की पुष्टि कर दी है. इनमें 7 बच्चों की पहचान भी कर ली गई है, वहीं 3 बच्चों की पहचान नहीं हो पाई है. हादसे के NICU वार्ड में करीब 49 नवजात बच्चे भर्ती थे.
जानकारी के मुताबिक आग लगने की वजह वार्ड के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट होना बताई जा रही है. इस हादसे में 39 शिशुओं को बचा लिया गया. इनमें से कई बच्चे घायल हैं जिनका इलाज जारी है. बताया जा रहा है कि मेडिकल काॅलेज में भर्ती बच्चों की उम्र एक दिन से लेकर एक माह तक है.
सीएम ने 12 घंटे में मांगी जांच रिपोर्ट
हादसे को लेकर सीएम योगी ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और प्रमुख सचिव को झांसी के लिए रवाना किया. इसके साथ ही सीएम ने झांसी कमिश्नर और DIG को हादसे की जांच करने के आदेश देते हुए 12 घंटे में रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इधर अग्निकांड को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ‘मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख की आर्थिक सहायता के साथ गंभीर घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक मदद देने की घोषणा की.
मेडिकल कॉलेज में हादसे के बाद सीएमएस का बयान सामने आया. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहौर ने बताया कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे. अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लगी. आग बुझाने के प्रयाग किये गए लेकिन तब तक आग फैल गई थी. हादसे में कई बच्चों को बचा लिया गया है. 10 बच्चों की मौत हुई है. घायल बच्चों का इलाज जारी है.
सीएम ने जताया दुख
इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख जताया है.‘जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के NICU में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है. जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें.’
दोषियों को सख्त कानूनी सजा जरुरी- मायावती
वहीं इस हादसे को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने भी दुख जताया है. ‘यूपी, झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत की अति-दुखद घटना से कोहराम व आक्रोश स्वाभाविक. ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा जरूरी. ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव फिर भी सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे.’