पीएम मोदी ने आज शुक्रवार (15 नवंबर) को जमुई पहुंचे. प्रधानमंत्री ने यहां भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष समारोह की शुरुआत की और जनजातीय गौरव दिवस पर एक स्मारक सिक्के और डाक टिकट का अनावरण किया. बिरसा मुंडा के नाम पर डेढ़ सौ रुपये का चांदी का सिक्का जारी किया गया. इस दौरान पीएम मोदी ने आयोजित सभा को संबोधित करते हुए एनडीए सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए किए गए कामों के बारे में बताया. वहीं विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा.
कार्यक्रम मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहीद तिलकामांझी की प्रतिमा सौंपकर उनका सम्मान किया. पीएम मोदी ने भारत माता की जयघोष के साथ अपने भाषण की शुरुआत की.
पीएम ने कहा कि, “मुझे यहां भगवान बिरसा मुंडा के वंशज बुधराम मुंडा का स्वागत सत्कार करने का सौभाग्य मिला है. सिद्धू-कान्हो जी के वंशज मंडल मुर्मू का भी सत्कार करने का सौभाग्य मिला था. उनकी उपस्थिति से इस आयोजन की शोभा और बढ़ गई है. धरती आबा बिरसा मुंडा की भव्य स्मृति के बीच आज 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है.”
द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाना एनडीए का सौभाग्य
पीएम मोदी ने कहा कि”आज जब हम जनजातीय गौरव दिवस मना रहे हैं, आज जब हम जनजातीय गौरव वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं तब यह समझना भी बहुत ज़रूरी है कि इस आयोजन की आवश्यकता क्यों हुई? यह इतिहास के एक बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का एक ईमानदार प्रयास है.”
उन्होंने कहा कि, “मानगढ़ में अंग्रेज़ों ने जो, नरसंहार किया था. हज़ारों आदिवासी भाई बहनों को मौत के घाट उतार दिया गया था. क्या उसे हम भूल सकते हैं? संस्कृति हो या सामाजिक न्याय आज की यह एनडीए सरकार का मानस कुछ अलग ही है. मैं इसे भाजपा ही नहीं बल्कि एनडीए का सौभाग्य मानता हूं कि हमें द्रोपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति बनाने का अवसर मिला.”
मूल सुविधाओं से वंचित रहा आदिवासी समाज
प्रधानमंत्री ने कहा कि, “इन अति पिछड़ी आदिवासी जनजातियों की पहली की सरकारों ने कोई परवाह ही नहीं की थी. इनके जीवन से मुश्किलें कम करने के लिए 24,000 करोड़ रुपये की पीएम जनमन योजना शुरु की गई. इस योजना से देश की सबसे पिछड़ी जनजातियों की बस्ती का विकास सुनिश्चित हो रहा है.”
पीएम ने कहा कि, “पहले की सरकारों को रवैयों के कारण आदिवासी समाज दशकों तक मूल सुविधाओं से वंचित ही रहा. देश के दर्जनों आदिवासी बाहुल्य जिले विकास की गति में बहुत पिछड़ गए. अगर किसी अफसर को सज़ा देनी हो तो पनिशमेंट पोस्टिंग भी ऐसे जिलों में की जाती थी. एनडीए सरकार ने पुरानी सरकार की सोच को बदल दिया है.”
आदिवासी गांवों पर खर्च होंगे 80 हजार करोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “कुछ दिन पहले ही देश के 60,000 से अधिक आदिवासी गांवों के विकास के लिए एक विशेष योजना हमने शुरु की. धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान. इसके तहत करीब 80,000 करोड़ रुपये आदिवासी गांवों में लगाए जाएंगे. जिसका मकसद आदिवासी समाज तक ज़रूरी सुविधा पहुंचाने के साथ साथ युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर बनाने का भी है.”
पीएम ने कहा “आज़ादी के बाद 70 साल तक हमारे देश में बांस से जुड़े कानून बहुत सख्त थे. इससे आदिवासी समाज सबसे अधिक परेशान था. हमारी सरकार ने बांस काटने से जुड़े कानूनों को सरल किया.”
आदिवासी जिलों में बने 30 नए मेडिकल कॉलेज
प्रधानमंत्री ने कहा कि, “आदिवासी परिवार कपड़े, खिलोनों और साज सज्जा के शानदार सामान बनाने में जुटे हैं. ऐसे सामानों की बिक्री के लिए हम बड़े शहरों में हाट बाज़ार लगा रहे हैं. यहां पर भी बहुत बड़ा हाट लगा है.” पीएम ने कहा कि, “पढ़ाई और कमाई का लाभ तब ही मिल पाता है जब परिवार स्वस्थ रहे. आदिवासी समाज के लिए सिकल सेल एनीमिया की बीमारी एक बड़ी चुनौती रही. हमारी सरकार ने इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाया है. इसे शुरु हुए एक साल हो चुका है.”
जमुई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “10 साल में आदिवासी ज़िलों में 30 नए मेडिकल कॉलेज भी बने हैं और कई मेडिकल कॉलेज पर काम जारी है. जमुई में भी नया मेडिकल कॉलेज बन रहा है. देश भर में 700 से अधिक एकलव्य स्कूलों का मजबूत नेटवर्क बना रहे हैं.”