बिलासपुर। राज्य में पत्रकारों के खिलाफ दुर्व्यवहार की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में एक ताजा मामला न्यायधानी बिलासपुर के सिरगिट्टी थाना से सामने आया है, जहां कवरेज करने गए वरिष्ठ पत्रकार दिलीप अग्रवाल को थाना प्रभारी ने धमकी दी। पत्रकार के मुताबिक, थाना प्रभारी विजय चौधरी ने उन्हें कहा, “अगर तुम दोबारा थाना परिसर में आए तो गोली मार दूंगा।”
घटना के बाद पत्रकार दिलीप अग्रवाल ने इस दुर्व्यवहार की जानकारी बिलासपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारियों को दी। इस गंभीर मामले को लेकर प्रेस क्लब ने तत्काल बैठक बुलाई और निर्णय लिया कि आईजी और एसपी से शिकायत की जाए तथा मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जाए। इसके बाद, भारी संख्या में प्रेस क्लब के सदस्य और साथी पत्रकार एसपी रजनेश सिंह से मिले और उन्हें आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की। साथ ही, यह भी कहा गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, विजय चौधरी को सिरगिट्टी थाना से हटाया जाए।
प्रेस क्लब की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय
प्रेस क्लब में हुई बैठक में पत्रकार दिलीप अग्रवाल ने घटना के बारे में विस्तार से बताया और न्याय की गुहार लगाई। प्रेस क्लब ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी से मिलने का निर्णय लिया। प्रेस क्लब अध्यक्ष इरशाद अली समेत अन्य पदाधिकारियों ने एसपी से मिलकर पूरी घटना की जानकारी दी और कहा कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर पुलिस अधिकारी इस तरह के व्यवहार को जारी रखते हैं, तो पत्रकारों को विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
जानिए एसपी रजनेश सिंह ने क्या कहा
एसपी रजनेश सिंह ने पत्रकारों से मुलाकात के बाद कहा, “यह सच है कि जब तक पत्रकार सवाल नहीं पूछेगा, तब तक वह खबर नहीं लिखेगा। पत्रकार का काम है फील्ड में जाकर सवाल पूछना और खबरें निकालना। इसमें किसी को व्यक्तिगत रूप से लेने की आवश्यकता नहीं है।” हालांकि, उन्होंने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार किया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
दिलीप अग्रवाल ने बताई आपबीती
पत्रकार दिलीप अग्रवाल ने कहा, “सिरगिट्टी थाना प्रभारी ने जिस तरह से मुझसे बदतमीजी की और धमकी दी, वह बेहद शर्मनाक है। यह केवल एक पत्रकार का अपमान नहीं, बल्कि पूरे पत्रकारिता जगत की स्वतंत्रता को चुनौती देने वाली बात है। मुझे उम्मीद है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रेस क्लब की निष्पक्ष जांच की मांग
बिलासपुर प्रेस क्लब ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा कि यदि भविष्य में किसी पुलिस अधिकारी का व्यवहार इस प्रकार का होता है, तो उस पर भी कार्रवाई की जाए। प्रेस क्लब ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर उनके किसी सदस्य का नाम किसी असंवैधानिक कार्य में सामने आता है, तो उसका भी जांच कर उचित कदम उठाए जाएंगे।
यह घटना एक बार फिर पत्रकारों के खिलाफ हो रहे दुर्व्यवहार की गंभीरता को उजागर करती है, और यह सवाल खड़ा करती है कि पत्रकारों को अपनी पेशेवर स्वतंत्रता के लिए कब तक संघर्ष करना होगा।
प्रेस क्लब की बैठक में पत्रकारिता की आड़ में अवैध धंधे चलाने वालों के खिलाफ कड़ा प्रस्ताव, एसपी को दी गई 450 सदस्यीय सूची
बिलासपुर प्रेस क्लब की बैठक में एक अहम मुद्दा सामने आया, जिसमें पत्रकारिता की आड़ में अवैध धंधे चलाने वालों पर कड़ी आपत्ति जताई गई। बैठक में यह बात भी सामने आई कि कुछ लोग पत्रकारिता का पर्दा ओढ़कर अवैध कारोबार चला रहे हैं और पुलिस अधिकारियों से करीबी संबंध बनाकर अपनी दबंगई का फायदा उठा रहे हैं। इन व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया पर जन्मदिन और अन्य मौकों पर की गई पोस्टों के माध्यम से यह साफ झलकता है कि वे पत्रकारिता से अधिक अपने व्यक्तिगत और अवैध लाभ के लिए काम कर रहे हैं।
पत्रकारिता की गरिमा को चोट पहुंचाने वाले लोग
प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली ने बैठक में कहा कि यह शर्मनाक है कि ऐसे लोग पुलिस विभाग और अन्य सरकारी संस्थाओं में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए पत्रकारिता का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों की वजह से आज पत्रकारों की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं और पुलिस विभाग में भी पत्रकारों की अहमियत को तुच्छ समझा जा रहा है। अध्यक्ष ने इस पर कड़ा विरोध जताया और कहा कि पत्रकारिता की गरिमा को फिर से ऊंचा उठाने के लिए प्रेस क्लब को ही एक सख्त कदम उठाना पड़ेगा।
क्लब में प्रस्ताव पर हुआ विचार-विमर्श
बैठक में इरशाद अली ने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें कहा गया कि क्लब को अपने सभी 450 सदस्यों की सूची एसपी और आईजी को सौंपनी चाहिए। इसके माध्यम से क्लब यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी सदस्य अवैध धंधे या अनैतिक गतिविधियों में लिप्त न हो। क्लब ने प्रस्ताव में यह भी कहा कि अगर किसी सदस्य का नाम इस तरह के अवैध कार्यों में आता है, तो उसके खिलाफ क्लब को उचित कार्रवाई करने का अधिकार होना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नए सदस्यता अभियान के तहत अब चरित्र सत्यापन और शपथ पत्र अनिवार्य किया गया है, ताकि बाद में कोई भी प्रेस क्लब पर उंगली न उठा सके।
सदस्यों ने प्रस्ताव को मंजूरी दी
बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई और तालियों से उसका समर्थन किया। इसके बाद प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने एसपी रजनेश सिंह को क्लब के सभी 450 सदस्यों की सूची सौंप दी और उनसे यह मांग की कि यदि इनमें से कोई सदस्य अवैध कार्यों में संलिप्त है या उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है, तो इसका प्रमाण क्लब को दिया जाए। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इन सदस्यों का सत्यापन किया जाए, ताकि क्लब में किसी भी प्रकार की गलत गतिविधि को रोका जा सके।
अध्यक्ष का कड़ा संदेश
अध्यक्ष इरशाद अली ने बैठक में कहा कि प्रेस क्लब को अपनी छवि को बनाए रखने के लिए इस तरह की शर्मनाक हरकतों को रोकना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक क्लब के दामन पर कोई दाग नहीं लगता, तब तक हम पत्रकारिता की गरिमा और उसके सम्मान को बनाए रखने में सक्षम होंगे।
इस कदम के बाद, प्रेस क्लब ने स्पष्ट किया कि अगर कोई सदस्य इस तरह के अवैध कार्यों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसे क्लब से बाहर का रास्ता दिखाने में कोई संकोच नहीं किया जाएगा। बैठक में उपाध्यक्ष संजीव पांडेय, सचिव दिलीप यादव, कोषाध्यक्ष प्रतीक वासनिक, सह सचिव दिलीप जगवानी समेत बड़ी संख्या में प्रेस क्लब बिलासपुर के सदस्य मौजूद थे।