वासु सोनी चांपा। दीपावली की रात पुलिस गश्त की पोल खुल गई। जहां बीती रात सभी दीपावली मना रहे थे वहीं पटाखे की चिंगारी से मुख्य मार्ग के कटे हुए सूखे पेड़ में आग लग गई। आग लगने से पेड़ धीरे धीरे जल रही थी आसपास पटाखे फोड़ रहे अन्य लड़कों को जब इसकी जानकारी हुई तब सभी ने मिलकर छोटी छोटी बाल्टियों से पेड़ में पानी डालना शुरू किया लेकिन पेड़ सुखी होने की वजह से जल्दी जल्दी आग पकड़ लेती थी। कुछ समय बाद चांपा पुलिस को जानकारी मिलने पर फायर ब्रिगेड की सहायता से जल रहे पेड़ को बुझाया गया। वहीं दूसरी ओर कुमार सायकल स्टोर्स के बगल गली में किसी झोपडी में भी आग लग गई थी।
सूचना पाकर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची आसपास के लोगों के सहयोग से मिलकर आग पर काबू पाया गया। जहां नगर में दो जगह आग की चिंगारी से आग लगी वही राजापारा के एक घर में शॉर्ट शर्किट की वजह से आग लग गई थी। पुलिस को सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए फायर ब्रिगेड और आसपास के लोगों की सहायता से आग पर काबू पाया गया। दीपावली की रात तीन जगहों पर आग लगने से लोगों में डर का माहौल भी बना रहा। वहीं रात में उपद्रवी लोगों के घूमने और पुलिस की गश्त पर भी सवालिया निशान नजर आने लगा। फिलहाल आग पर काबू पाकर लोगों ने राहत की सांस ली।
भालेराव मैदान में भी नहीं था फायर ब्रिगेड
कुछ दिनों से भालेराव मैदान में अस्थाई पटाखे की दुकान लगी हुई है लेकिन वहां भी अव्यवस्था को लेकर काफी सवाल खड़े है। लेकिन एक बात समझ से परे है कि इतनी सारी पटाखे की दुकान होने के बाद भी प्रशासन को जरा भी चिंता नहीं। पटाखा व्यवसायियों ने बताया कि फायर ब्रिगेड शाम 6 बजे आता है और रात 10 बजे चले जाता है। वहीं नगर पालिका चांपा का खाली टैंकर भी 4 दिनों से भालेराव मैदान में अपनी सेवा दे रहा है। प्रशासनिक अमला आखिर किसके इंतजार में है। अगर कोई घटना घटित हुई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
फिलहाल प्रशासनिक अमला अपनी मुर्गी अपना टांग वाली कहावत को चरितार्थ करने लगा हुआ है। सिर्फ खानापूर्ति कर लेने से जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही है। देखन यह है कि अधिकारी अपनी कुंभकर्णीय नींद से जागते है या कोई बड़ी घटना ही उन्हें जगा पाएगी।