वासु सोनी (तीर कमान)। हे भगवान अब ये क्या सुन लिया…समाज कल्याण विभाग बिलासपुर में खाता पीता विभाग में भर्राशाही का मजा साहब ले रहे है…ऊपर से साहब के यहां एक और खाने वाले तैयार हो रहे है…छोड़िए घर की बात है…लेकिन साहब खाने पीने के मामले में बड़े स्ट्रांग है समाज का कल्याण करके ही रहेंगे… अब तो दिवाली भी आ गई है…सोचेंगे कि छपने छापने वाले ने छोड़ दिया लेकिन क्या करें बात ही ऐसी है कि छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता? फिलहाल दिवाली है समाज का कल्याण तो नहीं अपना ही करते चले…वैसे भी चन्द्र को ग्रहण का सवाल ही नहीं…बड़े साहब मोबाइल दिखा रहे बार बार…अब तो दिवाली के बाद कुछ बड़ा धमाका बनता है। लगे है साहब तो रंग रोगन और साफ सफाई में…समाज और कल्याण का सफाई तो पहले ही कर चुके है…अब लगे है कहीं और…दिवाली है भाई…