तीर कमान (वासु सोनी)। आखिर ये समाज कल्याण का मसला समझ से परे है। कहते है कि गरीबों को निशुल्क समान देने की उपलब्धि है लेकिन समान खरीदने और कमीशन की उपलब्धि तो खाता पीता विभाग के पास सुरक्षित है। अब इन्हें कौन समझते कि ये जो वक्त है ना सिर्फ धमाका का है…लेकिन ये छपने छापने वाले ने तो…समझ से परे है…अरे भाई कोई बताओ तो सुना हु कि चंद्र का ग्रहण जनवरी फरवरी में अस्त होने वाला है…तब तो गई भैंस पानी में…खाता पीता विभाग तो डूब चुका है आगे सम्हालने वाला भी चन्द्र का ग्रहण सहन नहीं कर पाएगा…मार्केट में तो ये भी सुन गया कि करोड़ों का घरौंदा भी तोते ने बसा लिया है…क्या करे कोई जांच भी तो नहीं करता…और तो और जांच को आंच नहीं वाले भी तो ले डूबे है…कहते है कि ये देखो…और मोबाइल में दिखा भी देते है…क्या करें भाई हिसाब भी तो दिखा दो…समाज का ही है अपना कल्याण तो कर चुके…महंगी रोटी, महंगा कपड़ा, महंगा मकान, महंगा बेटे का दुकान…क्या खाक हुआ होगा समाज का कल्याण?…..