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आवाज तो धीमी ही आती है… हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता…

वासु सोनी चांपा। कहने को तो नगर में अधिकारियों का फार्मूला कुछ और ही कहता है लेकिन बाकी लोगो की मानें तो यही सुनाई देता है कि हमारा कौन क्या बिगाड़ सकता है, जो वास्तविकता में दिखाई भी देता है। अब चांपा नगर के मुख्य मार्ग का हाल देख लीजिए कितने ही दुकानें संचालित है मुख्य मार्ग पर लेकिन कुछेक दुकान, हास्पिटल, संस्था संचालित है जिनकी दुकानें तो मुख्य मार्ग पर है लेकिन पार्किंग के नाम पर कुछ नहीं है जो आता है वो मुख्य मार्ग को अपनी संपत्ति समझ कर रोड में अस्त व्यस्त वाहन खड़ा कर देता है। लेकिन दुकानदान भी तेज तर्रार कहते हैं कि हमारे पास पार्किंग नहीं है तो हम क्या करें, जिन्हें हमारे पास आना है नहीं तो मत आए।

कुछ ऐसा ही नजारा आए दिन चांपा नगर के मुख्य मार्ग सहित बस्ती में भी या यह कहें चौक-चौराहों में रोजाना देखने को मिल जाता है। लेकिन ये समस्या लगातार बरकरार है, जिनमें धीमी जुबान से यही सुनाई देता है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अब ये तो सरकारी महकमा ही समझे।

जिनके जिम्मे ये सारी जिम्मेदारी प्रशासन ने दे रखी है। बेचारे फंूक फूंक कर कदम रखते हैं कि कहीं उनकी ही तकलीफें ना बढ़ जाए। वहीं धीमी जुबान से आवाज जरूर आती है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। अब देखना यह है कि मुख्य मार्ग पर लगातार अस्त व्यस्त वाहनों पर कार्रवाई होती है या फिर दुकानदारों की दादागिरी पर लगाम लगता है।

फिलहाल पुलिसिया कार्रवाई भी रोज चल रही है लेकिन समय बे समय, जिससे कुछ हासिल नहीं हो पा रहा, काम भी हो जा रहा और दुकानदारों को मौका भी मिल जा रहा। लेकिन आवाज तो धीमी ही आती है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

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वासु सोनी चांपा। कहने को तो नगर में अधिकारियों का फार्मूला कुछ और ही कहता है लेकिन बाकी लोगो की मानें तो यही सुनाई देता है कि हमारा कौन क्या बिगाड़ सकता है, जो वास्तविकता में दिखाई भी देता है। अब चांपा नगर के मुख्य मार्ग का हाल देख लीजिए कितने ही दुकानें संचालित है मुख्य मार्ग पर लेकिन कुछेक दुकान, हास्पिटल, संस्था संचालित है जिनकी दुकानें तो मुख्य मार्ग पर है लेकिन पार्किंग के नाम पर कुछ नहीं है जो आता है वो मुख्य मार्ग को अपनी संपत्ति समझ कर रोड में अस्त व्यस्त वाहन खड़ा कर देता है। लेकिन दुकानदान भी तेज तर्रार कहते हैं कि हमारे पास पार्किंग नहीं है तो हम क्या करें, जिन्हें हमारे पास आना है नहीं तो मत आए। कुछ ऐसा ही नजारा आए दिन चांपा नगर के मुख्य मार्ग सहित बस्ती में भी या यह कहें चौक-चौराहों में रोजाना देखने को मिल जाता है। लेकिन ये समस्या लगातार बरकरार है, जिनमें धीमी जुबान से यही सुनाई देता है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अब ये तो सरकारी महकमा ही समझे। जिनके जिम्मे ये सारी जिम्मेदारी प्रशासन ने दे रखी है। बेचारे फंूक फूंक कर कदम रखते हैं कि कहीं उनकी ही तकलीफें ना बढ़ जाए। वहीं धीमी जुबान से आवाज जरूर आती है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। अब देखना यह है कि मुख्य मार्ग पर लगातार अस्त व्यस्त वाहनों पर कार्रवाई होती है या फिर दुकानदारों की दादागिरी पर लगाम लगता है। फिलहाल पुलिसिया कार्रवाई भी रोज चल रही है लेकिन समय बे समय, जिससे कुछ हासिल नहीं हो पा रहा, काम भी हो जा रहा और दुकानदारों को मौका भी मिल जा रहा। लेकिन आवाज तो धीमी ही आती है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
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