बिलासपुर। हर साल की भांति इस साल भी छठ महापर्व आयोजन को लेकर अरपा तट पर पाटलीपुत्र और भोजपुरी समजा संगठन की खुली बैठक हुई। बैठक में उपस्थित लोगों ने एक व्यक्ति विशेष का महापर्व आयोजन पर एकाधिकार का विरोध किया। साथ ही उपस्थित लोगों की शिकायतों को समिति के वरिष्ठ सदस्यों ने समाधान किया। उपस्थित समिति के पदाधिकारियों समेत सभी ने एक मत से छठ पुूजा के लिए बनाये गये पदाधिकारियों को बर्खास्त किया। एलान किया कि इस बार समिति मे शामिल सभी गणमान्य लोग मिलकर महापर्व का आयोजन करेंगे।
हमेशा की तरह इस साल भी सूर्य उपासना का पर्व छठ का आयोजन धूमधाम से किया जाएगा। लेकिन महापर्व आयोजन की जिम्मेदारी पदाधिकारियों पर नहीं होकर समित पर होगी। जानकारी देते चलें कि हर साल छठपूजा उत्सव आयोजन के पहले पदाधिकारियों का जयन किया जाता है। इस बार भी एक विशेष गुट ने पदाधिकारियों का मनमानी तरीके से चयन किया। इस बात को लेकर समाज के लोगो में जमकर नाराजगी सामने आयी।
नाराजगी को दूर करने को लेकर शनिवार को अरपातट स्थित छठ घाट पर खुले आसमान के नीचे बैठक का आयोजन किया गया। सभी लोगों ने छठ पूजा के लिए गुपचुप तरीके से पदाधिकारियों के चयन को लेकर नाराजगी जाहिर किया। जमकर कहा सुनी भी हुई। अन्त में लोगों ने सामुहिक रूप से प्रस्ताव पारित कर किसी व्यक्ति विशेष को महत्व दिए जाने की आलोचना की। साथ ही सर्वसम्मति से फैसला लिया कि अब अध्यक्ष,सचिव नहीं बल्कि समिति में शामिल गणमान्य और वरिष्ठ लोग महापर्व के आयोजन की जिम्मेदारी संभालेंगे।
बैठक के दौरान छठघाट पर पूजा कार्यालय का शुभारम्भ किया गया। छठमाता सेवा समिति में लोगों ने स्वैच्छिक नाम दर्ज कराया। सभी ने छठ पूजा कार्यों का सफल संचालन का संकल्प लिया। समिति में प्रमुख रूप से विजय ओझा, प्रवीण झा, लव कुमार ओझा, विनोद सिंह, अशोक झा, ए.के. कण्ठ, गणनाथ मिश्रा · गणेश गिरी, सुनील सिंह, आ.पी. सिंह, रौशन सिंह, सपना सराफ, अजय बिहारी, पंकज सिंह समेत सर्वसम्मति से दर्जनों नाम को शामिल किया गया।