वासु सोनी (तीर कमान) : आखिर न्याय कब मिलेगा, ये सुनने वाला ही नहीं रहा तो न्याय कैसे मिलेगा…साहब तो मजे में है कहते है जांच जारी है…लेकिन ये तो बता दीजिए साहब कब तक जांच होगा…अब ये पूछने के लिए भी जिगर चाहिए, नहीं तो साहब गुस्सा जाएंगे और कहेंगे कर लो जो करना है…मजे की बात तो ये है जो विवेचना कर रहा है वही कश्मीर गया था अब कश्मीर है ही स्वर्ग, सोचा वही मरने वाले से मुलाकात और पूछताछ हो जाए…लेकिन सबसे ज्यादा मजा तो साहब, दुकानदार और कंपनी का है क्योंकि बिना एफआईआर सब मजे में है…अब जो मर गया है वो भी सोच रहा होगा कि क्या गलती थी मेरी…बाकी साहब के साथ सभी मजे में तो है ही…