छत्तीसगढतीर कमान : पढ़ाई लिखाई वाले विभाग में अटैच वाला कर्मचारी बांट...

तीर कमान : पढ़ाई लिखाई वाले विभाग में अटैच वाला कर्मचारी बांट रहा कद्दू वो भी छपने छापने वाले लोगों को…

वासु सोनी का तीर कमान। सुनने में आया है एक अटैच वाला कर्मचारी आजकल रुपए बांट रहा है। अब कद्दू कटेगा तो बंटेगा जरूर। पढ़ाई लिखाई वाले कार्यालय में अटैच है तो अब काम क्या करे, अटैच जो है लेकिन मुख्य अधिकारी से काफी तालमेल है जनाब का, कहते फिरते है जो करना है कर लो, फिलहाल बांट तो रहे है। वो भी ऐसे लोगों को जो छाप का इस्तेमाल करते है या छापने का। वैसे भी जांजगीर चांपा जिले इसके लिए बदनाम तो है ही लेकिन कद्दू कम साइज का मिल रहा तो कई लोगों का पारा चढ़ गया और तो और कई लोग दूसरे छाप के नाम का भी उपयोग कर गंगा में डुबकी लगा ले रहे। अब अटैच वाला कर्मचारी क्या जाने, कहता है साहब से एक बार बात कर लो। अब छपने छापने वाले का भी पारा चढ़ गया कि कद्दू का टुकड़ा ही कम मिल रहा उपर से जनाब पूछताछ भी ज्यादा कर रहे। लेकिन पढ़ाई लिखाई वाला विभाग ऐसा ही है। जानकार तो यह भी कहते है कि साहब की उपर तक पहुंच है छपने छापने वाले भी क्या कर सकते है। अब देखना तो यही बाकी है कि जिले के मुखिया भी पढ़ाई लिखाई में ज्यादा ही दिलचस्पी ले रहे है लेकिन विभाग के मुखिया का अपनी डफली अपना राग ही चल रहा। अटैच वाला कर्मचारी भी मजे मार रहा है।

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वासु सोनी का तीर कमान। सुनने में आया है एक अटैच वाला कर्मचारी आजकल रुपए बांट रहा है। अब कद्दू कटेगा तो बंटेगा जरूर। पढ़ाई लिखाई वाले कार्यालय में अटैच है तो अब काम क्या करे, अटैच जो है लेकिन मुख्य अधिकारी से काफी तालमेल है जनाब का, कहते फिरते है जो करना है कर लो, फिलहाल बांट तो रहे है। वो भी ऐसे लोगों को जो छाप का इस्तेमाल करते है या छापने का। वैसे भी जांजगीर चांपा जिले इसके लिए बदनाम तो है ही लेकिन कद्दू कम साइज का मिल रहा तो कई लोगों का पारा चढ़ गया और तो और कई लोग दूसरे छाप के नाम का भी उपयोग कर गंगा में डुबकी लगा ले रहे। अब अटैच वाला कर्मचारी क्या जाने, कहता है साहब से एक बार बात कर लो। अब छपने छापने वाले का भी पारा चढ़ गया कि कद्दू का टुकड़ा ही कम मिल रहा उपर से जनाब पूछताछ भी ज्यादा कर रहे। लेकिन पढ़ाई लिखाई वाला विभाग ऐसा ही है। जानकार तो यह भी कहते है कि साहब की उपर तक पहुंच है छपने छापने वाले भी क्या कर सकते है। अब देखना तो यही बाकी है कि जिले के मुखिया भी पढ़ाई लिखाई में ज्यादा ही दिलचस्पी ले रहे है लेकिन विभाग के मुखिया का अपनी डफली अपना राग ही चल रहा। अटैच वाला कर्मचारी भी मजे मार रहा है।
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