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चांपा स्थित श्री मां समलेश्वरी मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलन के लिए रसीद कटने का कार्य 09 से

चांपा। हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी जन जन की आराध्या माँ समलेश्वरी के समक्ष शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर मनोकामना दीप प्रज्वलित की व्यवस्था की गई है।कल नागपंचमी सावन शुक्ल 09 जुलाई 2024 दिन शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से घृत ज्वारा ज्योति कलश एवं तेल ज्वारा ज्योति कलश की रसीद काटने का कार्य किया जाएगा। अतः सभी भक्तों से निवेदन है की उक्त तिथि पर आप उपस्थित होकर इस पुण्य के भागीदार बने। प्रत्येक वर्ष सावन के शुक्ल पंचमी को माँ समलेश्वरी के समक्ष चाम्पा के राजपरिवार द्वारा पूजन अर्चना कर भगवती को शारदीय नवरात्रि की प्रथम आमंत्रण पत्र भेंट कर नवरात्रि की तैयारी प्रारम्भ की जाती है। मंदिर के पुजारी पं अतुल कृष्ण द्विवेदी के अनुसार सर्वप्रथम माँ समलेश्वरी को शारदीय नवरात्रि के लिए निवेदन स्वरूप आमंत्रण किया जाता है फिर माँ भगवती के आदेश अनुसार तैयारी की शुरुआत की जाती है। शारदीय नवरात्रि में ज्वारा का विशेष महत्व है। उसी कड़ी में माँ के समक्ष ज्वारा ज्योति कलश की रसीद काटने की शुरुआत की जाती है। हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी घी ज़्वारा कलश 1301/-, तेल ज़्वारा कलश 901/-, घी ज्योति कलश 1101/- तेल ज्योति कलश 701/- रुपए समिति द्वारा सहयोग निर्धारित की गई है। अतः समिति ने सभी जनमानस को अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का निवेदन किया है।

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चांपा। हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी जन जन की आराध्या माँ समलेश्वरी के समक्ष शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर मनोकामना दीप प्रज्वलित की व्यवस्था की गई है।कल नागपंचमी सावन शुक्ल 09 जुलाई 2024 दिन शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से घृत ज्वारा ज्योति कलश एवं तेल ज्वारा ज्योति कलश की रसीद काटने का कार्य किया जाएगा। अतः सभी भक्तों से निवेदन है की उक्त तिथि पर आप उपस्थित होकर इस पुण्य के भागीदार बने। प्रत्येक वर्ष सावन के शुक्ल पंचमी को माँ समलेश्वरी के समक्ष चाम्पा के राजपरिवार द्वारा पूजन अर्चना कर भगवती को शारदीय नवरात्रि की प्रथम आमंत्रण पत्र भेंट कर नवरात्रि की तैयारी प्रारम्भ की जाती है। मंदिर के पुजारी पं अतुल कृष्ण द्विवेदी के अनुसार सर्वप्रथम माँ समलेश्वरी को शारदीय नवरात्रि के लिए निवेदन स्वरूप आमंत्रण किया जाता है फिर माँ भगवती के आदेश अनुसार तैयारी की शुरुआत की जाती है। शारदीय नवरात्रि में ज्वारा का विशेष महत्व है। उसी कड़ी में माँ के समक्ष ज्वारा ज्योति कलश की रसीद काटने की शुरुआत की जाती है। हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी घी ज़्वारा कलश 1301/-, तेल ज़्वारा कलश 901/-, घी ज्योति कलश 1101/- तेल ज्योति कलश 701/- रुपए समिति द्वारा सहयोग निर्धारित की गई है। अतः समिति ने सभी जनमानस को अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का निवेदन किया है।
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