वासु सोनी चांपा। जांजगीर चांपा जिले में रेत चोरी का खेल बदस्तूर जारी है। चांपा से गुजरने वाली हसदेव नदी जाने से आपको पता चलेगा कि आपको रेत कहां से और कैसे मिलता है। लेकिन उससे ज्यादा आपको पता चलेगा कि आपकी जेब में डाका कैसे पड़ता है। सामान्य रूप से देखें तो बरसात की अपेक्षा अन्य दिनों में रेत का मूल्य कम रहता है लेकिन बरसात जैसे ही आती है रेत का मूल्य आसमान छूने लगता है। रेत का मूल्य जगह के हिसाब से तय किया जाता है।
जिले में हसदेव नदी बहती है जहां कई जगहों से रेत की चोरी की जाती है। कई जगहों पर रेत घाट भी बनाया गया है। जहां रायल्टी के हिसाब से रेत मिलती है। बिना रायल्टी मतलब चोरी का रेत कम मूल्य में मिल जाता है लेकिन रायल्टी वाली रेत का मूल्य हमेशा अधिक रहता है।
जिले में रोजाना करीब सैकड़ों ट्रेक्टर चोरी की रेत का इस्तेमाल होता है लेकिन खनिज विभाग को सिर्फ उन ट्रेक्टरों से मतलब होता है जहां सिर्फ शिकायत होती है। बिना शिकायत के खनिज अधिकारी या खनिज विभाग का अमला कार्रवाई तो क्या जांच भी करने नहीं पहुंचता। लेकिन जब शिकायत होती है तो खनिज अमला के पहुंचने से पहले ही रेत चोर गायब हो जाते है। कभी कभार शिकायत के आधार पर खनिज अमला कार्रवाई करने सफल हो जाते हैं।
क्या कहा चोरी की रेत से भरे ट्रेक्टर के चालक ने
चांपा से गुजरते हुए रेत से भरे ट्रेक्टर चालक से जब पूछा गया कि ट्रेक्टर किसका है तब उन्होने बताया कि चांपा से लगे ग्राम उमरेली के भुवन बरेठ का टेªक्टर है। जब उनसे रायल्टी या अन्य कागजों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कोई कागज नहीं है। बिना रायल्टी के रेत ले जाया जा रहा है। चालक के द्वारा ट्रेक्टर के संचालक से मोबाइल पर बात कराया तो उन्होंने बताया कि मेरे ट्रेक्टर के पहले रेत से भरे कई ट्रेक्टर गुजरे हैं आपने उनसे तो कागजों के बारे में नहीं पूछा। जिससे यह लगता है कि जिले में रोजाना कई ट्रेक्टर अवैध रेत या चोरी का रेत खपाया जा रहा है। जिसकी जानकारी खनिज विभाग को होने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जाती।
क्या कहा खनिज अधिकारी ने
जब इस बारे में खनिज अधिकारी हेमंत चेरपा से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि आपकी शिकायत क्या है वह बताइये। बरसात में रेत नहीं निकाला जाता अगर कोई ऐसा मिलता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। आपके बोलने से कार्रवाई नहीं होगी, हमारे द्वारा टीम भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी। ठीक है कार्रवाई करेंगे। इतना कहकर खनिज अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते नजर आए।