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पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 38 के कांग्रेस प्रत्याशी शेषराज हरबंश ने असत्य पर सत्य के विजय पर्व विजयादशमी दशहरा के अवसर पर प्रदेशवासियों को दी बधाई…शुभकामनाए….

(वासु सोनी) जांजगीर-चांपा। पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 38 के कांग्रेस प्रत्याशी शेषराज हरबंश ने कहा कि यह पर्व हमें समाज में व्याप्त आसुरी प्रवृत्ति को समाप्त कर शांति, सद्भाव और आपसी भाईचारा स्थापित करने का संदेश देता है। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति में वीरता और शौर्य का प्रतीक है। शेषराज हरबंश ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने अंदर की बुराईयों को समाप्त कर प्रदेश के विकास एवं समृद्धि में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। विजयादशमी दशहरा दुर्गा पूजा और नौ दिन तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के समाप्ति का प्रतीक है। यही वह दिन था जब भगवान श्रीराम ने रावण को परास्त किया था, वहीं मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर देवताओं और मनुष्यों को उनके अत्याचार से मुक्ति दी थी, विजयदशमी को हथियार (अस्त्र-शस्त्र) पूजने की परंपरा भी है। यह दिन रोशनी के त्यौहार दिपावली की तैयारी की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो त्यौहार के लगभग 20 दिनों बाद पड़ता है। प्रभु श्रीराम का लंका विजय तथा मां दुर्गा का महिषासुर मर्दिनी अवतार दशमी को हुआ था, इसलिए इसे विजयादशमी कहा जाता है। विजयादशमी दशहरा बुराई पर अच्छाई तथा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।

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(वासु सोनी) जांजगीर-चांपा। पामगढ़ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 38 के कांग्रेस प्रत्याशी शेषराज हरबंश ने कहा कि यह पर्व हमें समाज में व्याप्त आसुरी प्रवृत्ति को समाप्त कर शांति, सद्भाव और आपसी भाईचारा स्थापित करने का संदेश देता है। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति में वीरता और शौर्य का प्रतीक है। शेषराज हरबंश ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने अंदर की बुराईयों को समाप्त कर प्रदेश के विकास एवं समृद्धि में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। विजयादशमी दशहरा दुर्गा पूजा और नौ दिन तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव के समाप्ति का प्रतीक है। यही वह दिन था जब भगवान श्रीराम ने रावण को परास्त किया था, वहीं मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर देवताओं और मनुष्यों को उनके अत्याचार से मुक्ति दी थी, विजयदशमी को हथियार (अस्त्र-शस्त्र) पूजने की परंपरा भी है। यह दिन रोशनी के त्यौहार दिपावली की तैयारी की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो त्यौहार के लगभग 20 दिनों बाद पड़ता है। प्रभु श्रीराम का लंका विजय तथा मां दुर्गा का महिषासुर मर्दिनी अवतार दशमी को हुआ था, इसलिए इसे विजयादशमी कहा जाता है। विजयादशमी दशहरा बुराई पर अच्छाई तथा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।
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