छत्तीसगढसेतु निगम में जमकर चल रहा भ्रष्टाचार, मरम्मत के नाम पर हर...

सेतु निगम में जमकर चल रहा भ्रष्टाचार, मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों का होता है खेल, 14 वर्षों से जमे हैं सेतु निगम के अनुविभगीय अधिकारी 

विवेक शर्मा, चांपा। सेतु निगम के अनुविभगीय अधिकारी यहां लगभग 14 वर्षो से जमें है। परिणाम स्वरूप सेतु निगम विभाग में जमकर भ्रष्टाचार चल रहा है। ओवरब्रिज बनने के समय से शुरू हुआ सड़क मरम्मत के नाम पर लाखों का खेल अनवरत जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुरदा गांव को कोरबा मेन रोड से जोड़ने वाली सड़क के थोड़े से हिस्से की मरम्मत के नाम पर हर वर्ष 10 से 20 लाख रुपए पानी की तरह बहाए जाते हैं। सेतु निगम विभाग से सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की तरह पाले हुए हैं। सेतु निगम के अनुविभागीय अधिकारी वर्मा ने बताया कि 400 मीटर की सड़क में आने वाली किसानों की ज़मीन का मुआवजा किसानों को नहीं मिला है। जिससे वहां पक्की सड़क नहीं बनाई जा पा रही है वर्मा जी से यह पूछने पर कि आपने मुआवजा निपटारा की कार्यवाही शुरु अब तक क्यों नहीं की तो उन्होंने बताया की शुरुआत कैसे करनी है हमें पता करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि पिछले 10 वर्षों से एसडीओ वर्मा इस जिले में पदस्थ हैं और हर वर्ष 10 से 20 लाख रुपए सड़क के उक्त टुकड़े की मरम्मत के नाम पर खर्च कर दिए जा रहे हैं। इस हिसाब से पिछले 10 सालों में एक करोड़ से भी कहीं अधिक की राशि मरम्मत के नाम पर पानी की तरह बहाई जा चुकी है। मुआवजे के लिए रुके सड़क निर्माण के छोटे से हिस्से में 4 फिट से बड़े गड्ढे हो गए हैं और इन गड्ढों में जहां की ट्रक फस फस रही है छोटे चार पहिया वाहन गड्ढे देखकर वापस लौट जा रहे हैं । हर साल बारिश के मौसम में यहां सैकड़ों बड़े वाहन फस जाते हैं फिर भी विभाग स्थाई समाधान ढूंढने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। जानकारों का मानना है कि सेतु निगम के अधिकारी जानबूझकर मुआवजा प्रकरण निपटाने की शुरुआत ही नहीं कर रहे है ।अगर मुआवजा प्रकरण निपट जाए तो हर साल लाखों की कमाई का जरिया बंद हो जाएगा। खानापूर्ति के लिए सड़क पर डस्ट डाल दी जाती है जो पानी गिरने से कीचड़ में तब्दील हो जाती है और सड़क पर खतरा बढ़ जाता है। खोखसा ओवर ब्रिज के समानांतर बनी सर्विस रोड की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी सेतु निगम की है। लेकिन वहां भी जो सर्विस रोड बनाई गई है उसमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और वहां भी मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों का खेल होता चला आ रहा है और इस सब मामले में मजे की बात यह है कि जिन गड्ढों की मरम्मत के नाम पर पीडब्ल्यूडी विभाग बड़ी राशि खर्च करता है उन्हीं गड्ढों की मरम्मत के लिए सेतु निगम भी बड़ी राशि खर्च करता है। बहर हाल 10 वर्षों से जमे सेतु निगम के मुखिया विभाग को अपने मन मुताबिक चला रहे हैं और सोने का अंडा देने वाली मुर्गी पाले हुए है।

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विवेक शर्मा, चांपा। सेतु निगम के अनुविभगीय अधिकारी यहां लगभग 14 वर्षो से जमें है। परिणाम स्वरूप सेतु निगम विभाग में जमकर भ्रष्टाचार चल रहा है। ओवरब्रिज बनने के समय से शुरू हुआ सड़क मरम्मत के नाम पर लाखों का खेल अनवरत जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुरदा गांव को कोरबा मेन रोड से जोड़ने वाली सड़क के थोड़े से हिस्से की मरम्मत के नाम पर हर वर्ष 10 से 20 लाख रुपए पानी की तरह बहाए जाते हैं। सेतु निगम विभाग से सोने का अंडा देने वाली मुर्गी की तरह पाले हुए हैं। सेतु निगम के अनुविभागीय अधिकारी वर्मा ने बताया कि 400 मीटर की सड़क में आने वाली किसानों की ज़मीन का मुआवजा किसानों को नहीं मिला है। जिससे वहां पक्की सड़क नहीं बनाई जा पा रही है वर्मा जी से यह पूछने पर कि आपने मुआवजा निपटारा की कार्यवाही शुरु अब तक क्यों नहीं की तो उन्होंने बताया की शुरुआत कैसे करनी है हमें पता करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि पिछले 10 वर्षों से एसडीओ वर्मा इस जिले में पदस्थ हैं और हर वर्ष 10 से 20 लाख रुपए सड़क के उक्त टुकड़े की मरम्मत के नाम पर खर्च कर दिए जा रहे हैं। इस हिसाब से पिछले 10 सालों में एक करोड़ से भी कहीं अधिक की राशि मरम्मत के नाम पर पानी की तरह बहाई जा चुकी है। मुआवजे के लिए रुके सड़क निर्माण के छोटे से हिस्से में 4 फिट से बड़े गड्ढे हो गए हैं और इन गड्ढों में जहां की ट्रक फस फस रही है छोटे चार पहिया वाहन गड्ढे देखकर वापस लौट जा रहे हैं । हर साल बारिश के मौसम में यहां सैकड़ों बड़े वाहन फस जाते हैं फिर भी विभाग स्थाई समाधान ढूंढने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। जानकारों का मानना है कि सेतु निगम के अधिकारी जानबूझकर मुआवजा प्रकरण निपटाने की शुरुआत ही नहीं कर रहे है ।अगर मुआवजा प्रकरण निपट जाए तो हर साल लाखों की कमाई का जरिया बंद हो जाएगा। खानापूर्ति के लिए सड़क पर डस्ट डाल दी जाती है जो पानी गिरने से कीचड़ में तब्दील हो जाती है और सड़क पर खतरा बढ़ जाता है। खोखसा ओवर ब्रिज के समानांतर बनी सर्विस रोड की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी सेतु निगम की है। लेकिन वहां भी जो सर्विस रोड बनाई गई है उसमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और वहां भी मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों का खेल होता चला आ रहा है और इस सब मामले में मजे की बात यह है कि जिन गड्ढों की मरम्मत के नाम पर पीडब्ल्यूडी विभाग बड़ी राशि खर्च करता है उन्हीं गड्ढों की मरम्मत के लिए सेतु निगम भी बड़ी राशि खर्च करता है। बहर हाल 10 वर्षों से जमे सेतु निगम के मुखिया विभाग को अपने मन मुताबिक चला रहे हैं और सोने का अंडा देने वाली मुर्गी पाले हुए है।
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