क्राइमआईजी ऑफिस में पदस्थ आरक्षक ने पुलिस विभाग में नौकरी लगाने के...

आईजी ऑफिस में पदस्थ आरक्षक ने पुलिस विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से की 1 करोड़ 13 लाख की ठगी

बिलासपुर। मस्तूरी क्षेत्र के रहने वाले महेश पाल व अन्य बेरोजगार युवकों ने धोखाधड़ी करने की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि IG ऑफिस में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला ने उन्हें पुलिस विभाग में नौकरी लगाने की बात कही। उसने पीड़ितों को बताया कि विभाग के अधिकारियों से उसकी अच्छी जान-पहचान है और वह उनकी नौकरी लगा सकता है। लेकिन, इसके लिए पैसे देंने होंगे। पुलिस की नौकरी पाने की उम्मीद से युवक उसकी बातों में आ गए। जिसके बाद पंकज शुक्ला ने एक करोड़ से अधिक रुपए वसूल लिए।

आरक्षक जब नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी के एक दूसरे केस में फंसा तब उसके झांसे में आए बेरोजगार युवकों उसका चक्कर काटते रहे। इस बीच आरक्षक जेल जाने के बाद जमानत पर छूट गया। जिसके बाद पीड़ित युवक व परिवार के सदस्य उसके घर पहुंचे। वहां पर कोरबा के अमरैय्यापारा निवासी आरक्षक का जीजा रमाशंकर पांडेय मिला। उसने आरक्षक के लिए रुपए वापस करने का भरोसा दिलाया और उन्हें लौटा दिया। लेकिन, बाद में आरक्षक व उसका जीजा पैसे वापस करने टालमटोल करने लगे।सीएसपी की जांच के बाद केस दर्ज परेशान होकर पीड़ितों ने इसकी शिकायत IG और SP से की। जिसकी जांच सीएसपी को करने के निर्देश दिए गए। सीएसपी ने पीड़ितों का बयान दर्ज किया और पैसे देने के सबूतों की जांच की, जिसमें सभी आरोप सही पाए गए, जिसके बाद उन्होंने सिविल लाइन पुलिस को केस दर्ज करने के निर्देश दिए। पुलिस ने आरक्षक पंकज शुक्ला और उसके जीजा रमाशंकर पाण्डेय के खिलाफ धारा 120 बी, 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है।

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बिलासपुर। मस्तूरी क्षेत्र के रहने वाले महेश पाल व अन्य बेरोजगार युवकों ने धोखाधड़ी करने की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि IG ऑफिस में पदस्थ आरक्षक पंकज शुक्ला ने उन्हें पुलिस विभाग में नौकरी लगाने की बात कही। उसने पीड़ितों को बताया कि विभाग के अधिकारियों से उसकी अच्छी जान-पहचान है और वह उनकी नौकरी लगा सकता है। लेकिन, इसके लिए पैसे देंने होंगे। पुलिस की नौकरी पाने की उम्मीद से युवक उसकी बातों में आ गए। जिसके बाद पंकज शुक्ला ने एक करोड़ से अधिक रुपए वसूल लिए। आरक्षक जब नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी के एक दूसरे केस में फंसा तब उसके झांसे में आए बेरोजगार युवकों उसका चक्कर काटते रहे। इस बीच आरक्षक जेल जाने के बाद जमानत पर छूट गया। जिसके बाद पीड़ित युवक व परिवार के सदस्य उसके घर पहुंचे। वहां पर कोरबा के अमरैय्यापारा निवासी आरक्षक का जीजा रमाशंकर पांडेय मिला। उसने आरक्षक के लिए रुपए वापस करने का भरोसा दिलाया और उन्हें लौटा दिया। लेकिन, बाद में आरक्षक व उसका जीजा पैसे वापस करने टालमटोल करने लगे।सीएसपी की जांच के बाद केस दर्ज परेशान होकर पीड़ितों ने इसकी शिकायत IG और SP से की। जिसकी जांच सीएसपी को करने के निर्देश दिए गए। सीएसपी ने पीड़ितों का बयान दर्ज किया और पैसे देने के सबूतों की जांच की, जिसमें सभी आरोप सही पाए गए, जिसके बाद उन्होंने सिविल लाइन पुलिस को केस दर्ज करने के निर्देश दिए। पुलिस ने आरक्षक पंकज शुक्ला और उसके जीजा रमाशंकर पाण्डेय के खिलाफ धारा 120 बी, 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
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