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किसके संरक्षण में चल रहा अवैध प्लॉटिंग का खेल, अवैध प्लॉटिंग रोकने जिला प्रशासन क्यों हो रहा फेल?,

विवेक शर्मा, चांपा। नगरीय क्षेत्र एवं क्षेत्र से लगे ग्रामीण इलाकों में अवैध प्लॉटिंग का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा अवैध प्लाटिंग करने वालों पर स्थानीय अधिकारी क्यों और कैसे मेहरबान है यह बड़ा सवाल है। कॉलेज रोड इरीगेशन कॉलोनी के पीछे हाल फिलहाल में अवैध प्लाटिंग शुरू की गई है और इन अवैध प्लाट की बिक्री के लिए बाजार में दलाल भी सक्रिय हैं। उक्त प्लाटिंग तहसील कार्यालय से चंद 100 मीटर की दूरी पर स्थित है बावजूद इसके राजस्व अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया जाना संदेह पैदा करता है। नगर के सभी वार्डों में अवैध प्लाटिंग खुलेआम की जा रही है। बाजार मूल्य से कुछ कम मूल्य पर मिलने के लालच में लोग अवैध प्लाट खरीद तो जरूर लेते हैं लेकिन उसके बाद उन्हें बिजली-सड़क-पानी के लिए बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसका ज्वलंत उदाहरण मारुति विहार है जो कि अवैध रूप से की गई प्लाटिंग है। अवैध प्लाटिंग कर्ताओं ने नगर को चारों तरफ से अवैध प्लाटिंग कर घेर दिया है। चाहे वह कोरबा रोड, बिर्रा रोड, मड़वा रोड, कुरदा रोड, सभी दिशाओं में खेतों को प्लाट बनाकर बेचने का गोरखधंधा कई वर्षों से चला रहा है। कुछ माह पूर्व मुख्य नगरपालिका अधिकारी के आवेदन पर 7 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट थाने में दर्ज हुई थी। लेकिन यह सातों छोटी मछलियां है बड़े मगरमच्छ तक प्रशासन के हाथ पहुंच नहीं रहे या उन पर करवाई करने में कांप रहे है। उल्लेखनीय है कि बस स्टैंड से कॉलेज जाते समय मोड़ पर एक नाला था जिससे बरसाती पानी में आता था और बंधवा तालाब में भरता था। प्लाटिंग करने वालों ने उसे भी पाट दिया। इसकी शिकायत भी प्रशासन से की गई थी जिस पर तत्कालीन एसडीएम सुभाष राज ने इसे पूर्ववत रखते हुए नाले को पुनेः बनाने का आदेश दिया था। लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद उनका आदेश भी लगता है गुम हो गया है। लोगों में इस बात की चर्चा आम है कि क्या चांपा क्षेत्र में मात्र 7 लोग ही अवैध प्लाटिंग करने वाले हैं जिनके खिलाफ रिपोर्ट चांपा थाने में दर्ज हुई है। चांपा क्षेत्र में मात्र कुछ एक ही प्लाटिंग रेरा से प्रमाणित है। इसके अलावा क्षेत्र की सारी प्लाटिंग अवैध है। नियमतः खेत को प्लाट काटकर बेचने के लिए जमीन का डायवर्सन कराना आवश्यक होता है लेकिन बिना डायवर्शन के धड़ल्ले से जमीन बेची जा रही है। इस संबंध में चांपा एसडीएम आराध्या राहुल कुमार ने कहा कि” तहसीलदार को इस संबंध में जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी चांपा को भी अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कारवाई करने कहा गया है बाकी जानकारी आप मुख्य नगरपालिका अधिकारी चांपा से ले सकते हैं।” जानकारों का मानना है कि प्रशासन की तरफ से अवैध प्लाटिंग करने वालों को नोटिस तो जरूर भेजा जाता है लेकिन उसके बाद अवैध प्लाटिंगकर्ता अधिकारियों की सेवा में लग कर अपना काम निकाल लेता है।

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विवेक शर्मा, चांपा। नगरीय क्षेत्र एवं क्षेत्र से लगे ग्रामीण इलाकों में अवैध प्लॉटिंग का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा अवैध प्लाटिंग करने वालों पर स्थानीय अधिकारी क्यों और कैसे मेहरबान है यह बड़ा सवाल है। कॉलेज रोड इरीगेशन कॉलोनी के पीछे हाल फिलहाल में अवैध प्लाटिंग शुरू की गई है और इन अवैध प्लाट की बिक्री के लिए बाजार में दलाल भी सक्रिय हैं। उक्त प्लाटिंग तहसील कार्यालय से चंद 100 मीटर की दूरी पर स्थित है बावजूद इसके राजस्व अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया जाना संदेह पैदा करता है। नगर के सभी वार्डों में अवैध प्लाटिंग खुलेआम की जा रही है। बाजार मूल्य से कुछ कम मूल्य पर मिलने के लालच में लोग अवैध प्लाट खरीद तो जरूर लेते हैं लेकिन उसके बाद उन्हें बिजली-सड़क-पानी के लिए बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसका ज्वलंत उदाहरण मारुति विहार है जो कि अवैध रूप से की गई प्लाटिंग है। अवैध प्लाटिंग कर्ताओं ने नगर को चारों तरफ से अवैध प्लाटिंग कर घेर दिया है। चाहे वह कोरबा रोड, बिर्रा रोड, मड़वा रोड, कुरदा रोड, सभी दिशाओं में खेतों को प्लाट बनाकर बेचने का गोरखधंधा कई वर्षों से चला रहा है। कुछ माह पूर्व मुख्य नगरपालिका अधिकारी के आवेदन पर 7 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट थाने में दर्ज हुई थी। लेकिन यह सातों छोटी मछलियां है बड़े मगरमच्छ तक प्रशासन के हाथ पहुंच नहीं रहे या उन पर करवाई करने में कांप रहे है। उल्लेखनीय है कि बस स्टैंड से कॉलेज जाते समय मोड़ पर एक नाला था जिससे बरसाती पानी में आता था और बंधवा तालाब में भरता था। प्लाटिंग करने वालों ने उसे भी पाट दिया। इसकी शिकायत भी प्रशासन से की गई थी जिस पर तत्कालीन एसडीएम सुभाष राज ने इसे पूर्ववत रखते हुए नाले को पुनेः बनाने का आदेश दिया था। लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद उनका आदेश भी लगता है गुम हो गया है। लोगों में इस बात की चर्चा आम है कि क्या चांपा क्षेत्र में मात्र 7 लोग ही अवैध प्लाटिंग करने वाले हैं जिनके खिलाफ रिपोर्ट चांपा थाने में दर्ज हुई है। चांपा क्षेत्र में मात्र कुछ एक ही प्लाटिंग रेरा से प्रमाणित है। इसके अलावा क्षेत्र की सारी प्लाटिंग अवैध है। नियमतः खेत को प्लाट काटकर बेचने के लिए जमीन का डायवर्सन कराना आवश्यक होता है लेकिन बिना डायवर्शन के धड़ल्ले से जमीन बेची जा रही है। इस संबंध में चांपा एसडीएम आराध्या राहुल कुमार ने कहा कि" तहसीलदार को इस संबंध में जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी चांपा को भी अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ कारवाई करने कहा गया है बाकी जानकारी आप मुख्य नगरपालिका अधिकारी चांपा से ले सकते हैं।" जानकारों का मानना है कि प्रशासन की तरफ से अवैध प्लाटिंग करने वालों को नोटिस तो जरूर भेजा जाता है लेकिन उसके बाद अवैध प्लाटिंगकर्ता अधिकारियों की सेवा में लग कर अपना काम निकाल लेता है।
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