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प्राणायाम एक ऐसा साधन है जो मुफ्त में ही कई बीमारियों को खत्म करता है – योगाचार्य रितु सिंह

बिलासपुर। लोग अपने आप को फिट रखने के लिए अनेक तरीके अपनाते है। कुछ तो स्वास्थ्य के लिए लाखों रुपए भी खर्च करने को तैयार रहते हैं। लेकिन स्वस्थे रहने के लिए प्राणायाम एक ऐसा साधन है जो मुफ्त में ही कई बीमारियों को खत्म करता है। हमारे शरीर के हर अंग में वायु सूक्ष्म रूप में विद्यमान है इसलिए प्रत्येक अंग के हर भाग को सही मात्रा में वायु पहुंचाने के लिए हम प्राणायाम करते हैं। प्राणायाम के कई प्रकार हैं जो अलग-अलग तरह की बीमारियों में फायदेमंद हैं।

उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में चल रहे 21 दिवसीय योगाभ्यास एवं प्रशिक्षण के दुसरे दिन योगाचार्या रितु सिंह जी ने कही। आज विशेष वरिष्ठ नागरिको को योगाभ्यास कराते हुए योगाचार्य रितु सिंह जी ने बताया कि बढ़ती उम्र के साथ शारीरिक सक्रियता पर ध्यान देना और भी आवश्यक हो जाता है, इसके लिए योग-व्यायाम के अभ्यास की आदत विशेष लाभप्रद होती है। एक उम्र के बाद शरीर में कुछ गंभीर लक्षण नजर आने लगते हैं जैसे कम दिखना, कम सुनाई देना, रीढ़ की हड्डी में दर्द, आर्थराइटिज, डयबिटीज, कोलेस्ट्रॉल की समस्या जोड़ों में दर्द आदि। जो लोग अपनी जीवनशैली को पहले से ही बेहतर रखते आ रहे हैं उन लोगों को थोड़ी कम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मानव शरीर में विभिन्न तरह के जोड़ उपस्थित हैं जो दो या उससे अधिक हड्डियों को जोड़ने का कार्य करते हैं। हमारे जीवन में इनके स्वास्थ्य का बड़ा ही महत्त्व है। अन्यथा जोड़ों में दर्द या कुछ अन्य समस्याओं के कारण हमारे दिनचर्या के होने वाले कामों में बाधाएं आ सकती हैं। प्राणायाम के करने से शरीर और मस्तिष्क को काफी आराम पहुंचता है। तंत्रिका तंत्र और श्वसन तंत्र मजबूत होता है और एकाग्रता बढ़ाती है। इससे मस्तिष्क का तनाव, डिप्रेशन और हाइपरटेंशन खत्म होता है। प्राणायाम ऐसा ही एक अभ्यास है जो शरीर को अदुरूनी शक्ति प्रदान करने के साथ तमाम तरह की गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखता है। आज हमारी दैनिक दिनचर्या में कार्य करते समय सामने की ओर झुककर ही करते है जिससे धीरे-धीरे उम्र के साथ शरीर सामने की ओर झुकने लगता है। प्राणायाम की सूक्ष्म क्रियाये करने से शरीर वृद्धावस्था में भी तन्दरुस्त रहता है। उम्र बढ़ने के साथ होने वाली जटिलताओं को कम करने और शरीर को फिट बनाए रखने के लिए नियमित रूप से चेयर पोज योग का अभ्यास करना चाहिए इससे घुटने इतने शक्तिशाली हो जाते है जो कभी घुटने दर्द की समस्या नहीं होती।

इससे पूर्व सेवाकेन्द्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कहा हमारा जीवन परमात्मा का उपहार है। रोज परमात्मा का ध्यान जरूर करें इतना सुंदर जीवन बनाने के लिए कृतज्ञता व्यक्त करें, धन्यवाद करें। प्रत्येक कर्म में उनके साथ का अनुभव करें। हर कर्म में उन्हें साथी बना ले तो सफलता आपकी साथी बन जाएगी। पहला संकल्प यही हो कि कितनी भी व्यस्त दिनचर्या हो पर रोज कुछ समय एकांत में बैठ ईश्वर का ध्यान जरूर करें। दूसरा अपने संग की सम्भाल रखे। कहते है जैसा संग वैसा रंग। हमारी संगत ही हमारे व्यक्तित्व को दर्शाती है। सकारात्मक दृष्टिकोण, खुशमिजाज, उत्साही, ईमानदार लोगों की संगत करें। इससे हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने को मिलेगा। ध्यान मेडिटेशन में ही सभी मानसिक व्याधियों का समाधान समाया हुआ है। मेडिटेशन से मन शक्तिशाली और शांत होता है। चिंतन में एकाग्रता आती है। एकाग्रता और याददाश्त बढ़ती है। तनाव से मुक्ति मिलती है। हम शरीर के लिए अनेक एक्सरसाइज करते हैं, थोड़ा समय मन के लिए भी अवश्य निकालें।

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बिलासपुर। लोग अपने आप को फिट रखने के लिए अनेक तरीके अपनाते है। कुछ तो स्वास्थ्य के लिए लाखों रुपए भी खर्च करने को तैयार रहते हैं। लेकिन स्वस्थे रहने के लिए प्राणायाम एक ऐसा साधन है जो मुफ्त में ही कई बीमारियों को खत्म करता है। हमारे शरीर के हर अंग में वायु सूक्ष्म रूप में विद्यमान है इसलिए प्रत्येक अंग के हर भाग को सही मात्रा में वायु पहुंचाने के लिए हम प्राणायाम करते हैं। प्राणायाम के कई प्रकार हैं जो अलग-अलग तरह की बीमारियों में फायदेमंद हैं। उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में चल रहे 21 दिवसीय योगाभ्यास एवं प्रशिक्षण के दुसरे दिन योगाचार्या रितु सिंह जी ने कही। आज विशेष वरिष्ठ नागरिको को योगाभ्यास कराते हुए योगाचार्य रितु सिंह जी ने बताया कि बढ़ती उम्र के साथ शारीरिक सक्रियता पर ध्यान देना और भी आवश्यक हो जाता है, इसके लिए योग-व्यायाम के अभ्यास की आदत विशेष लाभप्रद होती है। एक उम्र के बाद शरीर में कुछ गंभीर लक्षण नजर आने लगते हैं जैसे कम दिखना, कम सुनाई देना, रीढ़ की हड्डी में दर्द, आर्थराइटिज, डयबिटीज, कोलेस्ट्रॉल की समस्या जोड़ों में दर्द आदि। जो लोग अपनी जीवनशैली को पहले से ही बेहतर रखते आ रहे हैं उन लोगों को थोड़ी कम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मानव शरीर में विभिन्न तरह के जोड़ उपस्थित हैं जो दो या उससे अधिक हड्डियों को जोड़ने का कार्य करते हैं। हमारे जीवन में इनके स्वास्थ्य का बड़ा ही महत्त्व है। अन्यथा जोड़ों में दर्द या कुछ अन्य समस्याओं के कारण हमारे दिनचर्या के होने वाले कामों में बाधाएं आ सकती हैं। प्राणायाम के करने से शरीर और मस्तिष्क को काफी आराम पहुंचता है। तंत्रिका तंत्र और श्वसन तंत्र मजबूत होता है और एकाग्रता बढ़ाती है। इससे मस्तिष्क का तनाव, डिप्रेशन और हाइपरटेंशन खत्म होता है। प्राणायाम ऐसा ही एक अभ्यास है जो शरीर को अदुरूनी शक्ति प्रदान करने के साथ तमाम तरह की गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखता है। आज हमारी दैनिक दिनचर्या में कार्य करते समय सामने की ओर झुककर ही करते है जिससे धीरे-धीरे उम्र के साथ शरीर सामने की ओर झुकने लगता है। प्राणायाम की सूक्ष्म क्रियाये करने से शरीर वृद्धावस्था में भी तन्दरुस्त रहता है। उम्र बढ़ने के साथ होने वाली जटिलताओं को कम करने और शरीर को फिट बनाए रखने के लिए नियमित रूप से चेयर पोज योग का अभ्यास करना चाहिए इससे घुटने इतने शक्तिशाली हो जाते है जो कभी घुटने दर्द की समस्या नहीं होती। इससे पूर्व सेवाकेन्द्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कहा हमारा जीवन परमात्मा का उपहार है। रोज परमात्मा का ध्यान जरूर करें इतना सुंदर जीवन बनाने के लिए कृतज्ञता व्यक्त करें, धन्यवाद करें। प्रत्येक कर्म में उनके साथ का अनुभव करें। हर कर्म में उन्हें साथी बना ले तो सफलता आपकी साथी बन जाएगी। पहला संकल्प यही हो कि कितनी भी व्यस्त दिनचर्या हो पर रोज कुछ समय एकांत में बैठ ईश्वर का ध्यान जरूर करें। दूसरा अपने संग की सम्भाल रखे। कहते है जैसा संग वैसा रंग। हमारी संगत ही हमारे व्यक्तित्व को दर्शाती है। सकारात्मक दृष्टिकोण, खुशमिजाज, उत्साही, ईमानदार लोगों की संगत करें। इससे हमेशा कुछ न कुछ नया सीखने को मिलेगा। ध्यान मेडिटेशन में ही सभी मानसिक व्याधियों का समाधान समाया हुआ है। मेडिटेशन से मन शक्तिशाली और शांत होता है। चिंतन में एकाग्रता आती है। एकाग्रता और याददाश्त बढ़ती है। तनाव से मुक्ति मिलती है। हम शरीर के लिए अनेक एक्सरसाइज करते हैं, थोड़ा समय मन के लिए भी अवश्य निकालें।
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