खिलाडिय़ों को कड़कड़ाती ठंड में लाइन लगाकर भोजन का करना पड़ रहा है इंतजार
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ लोक साहित्य, कला एवं युवा महोत्सव में नवपदस्थ जिला खेल अधिकारी की लापरवाही सामने आई है। कार्यक्रम में भाग लेने आए खिलाड़ी और लोक कलाकार भूखे पेट प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। सुबह नास्ते के बाद शाम 5 बजे भोजन मिलने की शिकायतें खिलाड़ी कर रहे हैं। वहीं महिला और पुुरूष खिलाड़ी एक ही कमरे में रूकने को मजबूर है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा स्व. बीआर यादव राज्य खेल प्रशिक्षण केन्द्र बहतराई में 22 से 24 दिसंबर तक संभाग स्तरीय छत्तीसगढ़ लोक साहित्य, कला एवं युवा महोत्सव का आयोजन कराया जा रहा है। इस आयोजन की पूरी जवाबदारी नवपदस्थ खेल अधिकारी सुधा कुमार के उपर है। खेल प्रशिक्षण केन्द्र में फैली अव्यवस्था को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि खेल अधिकारी खिलाडिय़ों को लेकर कितनी सजग और जिम्मेदार है। संभाग स्तरीय इस आयोजन में एक हजार से अधिक खिलाड़ी व लोक कलाकार आए है। जिनके रहने और खाने की व्यवस्था नहीं के बराबर है। खिलाडिय़ों ने बताया कि सुबह एक प्लेट पोहा नास्ते के रूप में दिया गया था। वहीं शाम 5 बजे तक उन्हें भोजन नहीं मिला। वे भूखे पेट अपने खेल का प्रदर्शन करते रहे।
गौरतलब है कि खेल प्रशिक्षण केन्द्र में 83 से अधिक कमरे और हॉल हैं। जहां महिला और पुरूष खिलाडिय़ों को अलग-अलग ठहराया जा सकता है। लेकिन इन्हें एक ही कमरे में रखा गया है। वहीं खेल प्रशिक्षण केन्द्र में स्थित बाथरूम में कई महीनों से सफाई नहीं की गई है। मजबूरीवश खिलाडिय़ों को उनका उपयोग करना पड़ रहा है।
खाने के लिए लगाना पड़ रहा है लाइन
संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिता में बिलासपुर संभाग के मुंगेली, गौरेला-पेण्ड््रा-मरवाही, रायगढ़, जांजगीर-चांपा और बिलासपुर जिले से हजारों की संख्या में खिलाड़ी और लोक कलाकार पहुंचे है। जिन्हें रात में लाइन लगाकर खाने का इंतजार करना पड़ा।
महिला और पुरूषों एक ही कमरे में रहने को है मजबूर
करोड़ों रूपए की लागत से बनी खेल प्रशिक्षण केन्द्र में 83 कमरे सहित हॉल का निर्माण किया गया है। इसके अलावा आउटडोर में भी लेट-बाथ अटैच हास्टल का भी निर्माण किया गया है। जहां पर महिलाएं और पुरूष खिलाड़ी अलग-अलग आराम से रह सकते हैं। इसके बावजूद अधिकारी की लापरवाही के चलते महिला और पुरूष खिलाडिय़ों को एक ही कमरे में ठहराया गया है। जो इनकी घोर लापरवाही को उजागर करती है।
देर रात तक करना पड़ रहा है भोजन का इंतजार
कार्यक्रम का समापन शाम पांच बजे किया गया। खेल समाप्ति के बाद खिलाडिय़ों नास्ते का कोई इंतजाम नहीं किया गया था। उन्हें देर रात तक भूखे प्यासे भोजन का इंतजार करना पड़ा। रात करीब 8.30 बजे के बाद ही खिलाडिय़ों को भोजन उपलब्ध हो पाया।
हमने सिर्फ मंच प्रदान किया है
सारे जिले के खिलाड़ी अपनी-अपनी जिम्मेदारी में आए हैं। खाने से लेकर आने-जाने की व्यवस्था उनकी खुद की है। हमने सिर्फ मंच प्रदान किया है।
-सुधा कुमार, जिला खेल अधिकारी