छत्तीसगढकबीर साहेब के प्राकट्य उत्सव में शामिल हुई आम आदमी पार्टी की...

कबीर साहेब के प्राकट्य उत्सव में शामिल हुई आम आदमी पार्टी की डॉ. उज्वला 

बिलासपुर। आम आदमी पार्टी की प्रदेश संयुक्त सचिव डॉ. उज्वला जरहाभाठा में मानिकपुरी पनिका समाज द्वारा आयोजित कबीर प्राकट्य उत्सव में शामिल हुई। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यकालीन भारत के महान भक्त कवि तथा समाज सुधारक संत कबीरदास द्वारा बताए गए मार्ग आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने अपने दोहे के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों, धार्मिक पाखण्ड और रूढ़िवादिता पर कड़ा आघात किया। देश व समाज के हित में उनके द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण करना आज भी हम सभी के लिए जरूरी है।

कार्यक्रम में डॉ उज्वला के आगमन पर समाज के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। समाज के पदाधिकारियों ने समाज की विशेषताएं एवं उपलब्धियों को गिनाया। साहेब बंदगी साहेब के उद्गार के साथ डॉ. उज्वला ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कबीरपंथ का स्वरूप अत्यंत व्यापक है, जिसमें विभिन्न जाति एवं धर्म के लोग समाहित हैं।

मध्यकालीन समय में कबीर साहेब ऐसे संत हुए, जिन्होंने बाह्य आडंबर और सामाजिक कुरीतियों पर चोट किया। वे रूढ़िवाद के खिलाफ थे और धार्मिक ढकोसलों से दूरी बना करके रखी। उन्होंने कहा कि कबीर के दोहे और उनके विचार इतने उच्च स्तर के हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ”साईं इतना दीजिए जामे कुटुम्ब समाय, मैं भी भूखा ना रहूं साधु भी भूखा ना जाए”। स्वयं की, परिवार की चिंता के साथ अपने द्वार पर आने वाले साधु की चिंता करने का विचार हमें कबीर साहेब के दोहे में ही मिलता है। कार्यक्रम के दौरान देवेन्द्र (जिला उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ), श्री एस के गोयल (ब्लाक अध्यक्ष) , मिर्जा आलम (बूथ अध्यक्ष) मधु सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।

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बिलासपुर। आम आदमी पार्टी की प्रदेश संयुक्त सचिव डॉ. उज्वला जरहाभाठा में मानिकपुरी पनिका समाज द्वारा आयोजित कबीर प्राकट्य उत्सव में शामिल हुई। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यकालीन भारत के महान भक्त कवि तथा समाज सुधारक संत कबीरदास द्वारा बताए गए मार्ग आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने अपने दोहे के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों, धार्मिक पाखण्ड और रूढ़िवादिता पर कड़ा आघात किया। देश व समाज के हित में उनके द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण करना आज भी हम सभी के लिए जरूरी है। कार्यक्रम में डॉ उज्वला के आगमन पर समाज के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। समाज के पदाधिकारियों ने समाज की विशेषताएं एवं उपलब्धियों को गिनाया। साहेब बंदगी साहेब के उद्गार के साथ डॉ. उज्वला ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कबीरपंथ का स्वरूप अत्यंत व्यापक है, जिसमें विभिन्न जाति एवं धर्म के लोग समाहित हैं। मध्यकालीन समय में कबीर साहेब ऐसे संत हुए, जिन्होंने बाह्य आडंबर और सामाजिक कुरीतियों पर चोट किया। वे रूढ़िवाद के खिलाफ थे और धार्मिक ढकोसलों से दूरी बना करके रखी। उन्होंने कहा कि कबीर के दोहे और उनके विचार इतने उच्च स्तर के हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ''साईं इतना दीजिए जामे कुटुम्ब समाय, मैं भी भूखा ना रहूं साधु भी भूखा ना जाए''। स्वयं की, परिवार की चिंता के साथ अपने द्वार पर आने वाले साधु की चिंता करने का विचार हमें कबीर साहेब के दोहे में ही मिलता है। कार्यक्रम के दौरान देवेन्द्र (जिला उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ), श्री एस के गोयल (ब्लाक अध्यक्ष) , मिर्जा आलम (बूथ अध्यक्ष) मधु सिंह इत्यादि उपस्थित रहे।
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