छत्तीसगढनलकूप खनन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने कलेक्टर ने दिया आदेश,...

नलकूप खनन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने कलेक्टर ने दिया आदेश, बोरवेल संचालकों द्वारा दिए गए ज्ञापन पर प्रतिबंध हटा

बिलासपुर। जिले में विगत 1 मई 2023 से बिलासपुर जिले में नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगाया गया था। जिसके प्रतिबंध में समस्याएं उत्पन्न हो रही थी। बोरवेल संचालकों ने नलकूप खनन को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन देकर निवेदन किया की जल्द से जल्द नलकूप खनन प्रतिबंध हटाया जाए। जिस पर जिले के कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से नलकूप खनन प्रतिबंध हटाने आदेश दिया। आपको बता दे की नलकूप खनन प्रतिबंध होने से किसान अपनी फसलों की सिंचाई की जरूरूत को पूरा नहीं कर पा रहे थे। साथ ही सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया था। नए निर्माण में पहली प्राथमिकता पानी की होती है। लोग प्रतिबंध हो जाने से पानी के लिये परेशान हो रहे थे। बोर महीन में काम करके जो मजदुर अपना और अपने परिवार का पेट भरते है उनके लिये समस्या खड़ी हो गई थी। विगत तीन वर्षो से कोविड के कारण बोरिंग व्यापारियों की हालत दयनीय थी। नलकूप खनन प्रतिबंध की मार से कई आर्थिक समस्या हो गई थी। पिछले 3 माह में जो बिन मौसम बारिश हुई है उसमें भी बोर खनन का कार्य स्थगित था जिसके कारण मजदुरों का वेतन रूका हुआ है जो कि गर्मी में काम कर के वेतन प्रदान करने का वादा किया गया था उसमें सभी असफल हो रहें थे। बोरवेल संचालकों की इस स्थिति को देखकर जिले के कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से बोर खनन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया। सभी बोर संचालकों ने कलेक्टर को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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बिलासपुर। जिले में विगत 1 मई 2023 से बिलासपुर जिले में नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगाया गया था। जिसके प्रतिबंध में समस्याएं उत्पन्न हो रही थी। बोरवेल संचालकों ने नलकूप खनन को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन देकर निवेदन किया की जल्द से जल्द नलकूप खनन प्रतिबंध हटाया जाए। जिस पर जिले के कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से नलकूप खनन प्रतिबंध हटाने आदेश दिया। आपको बता दे की नलकूप खनन प्रतिबंध होने से किसान अपनी फसलों की सिंचाई की जरूरूत को पूरा नहीं कर पा रहे थे। साथ ही सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया था। नए निर्माण में पहली प्राथमिकता पानी की होती है। लोग प्रतिबंध हो जाने से पानी के लिये परेशान हो रहे थे। बोर महीन में काम करके जो मजदुर अपना और अपने परिवार का पेट भरते है उनके लिये समस्या खड़ी हो गई थी। विगत तीन वर्षो से कोविड के कारण बोरिंग व्यापारियों की हालत दयनीय थी। नलकूप खनन प्रतिबंध की मार से कई आर्थिक समस्या हो गई थी। पिछले 3 माह में जो बिन मौसम बारिश हुई है उसमें भी बोर खनन का कार्य स्थगित था जिसके कारण मजदुरों का वेतन रूका हुआ है जो कि गर्मी में काम कर के वेतन प्रदान करने का वादा किया गया था उसमें सभी असफल हो रहें थे। बोरवेल संचालकों की इस स्थिति को देखकर जिले के कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से बोर खनन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया। सभी बोर संचालकों ने कलेक्टर को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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