बिलासपुर। जिला प्रशासन का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाने वाला विभाग राजस्व….जिसमे सबसे अहम रोल पटवारियों का होता है…इन दिनो वे लोग नाराज है…और काफी दिनों से लंबित मांगो को लेकर हड़ताल पर है….चूँकि कई बार धरना दिए काली पट्टी लगाकर काम किये और ज्ञापन भी दिए….इसके बाद भी इनकी मांगो पर कोई असर नहीं हुआ….यही कारण है की लंबित मांगो को पूरा करवाने के लिए इनको फिर सड़क की लड़ाई लड़नी पड़ रही है…और इस बार काम बंद कर हड़ताल कर रहे है…..पहले दिन ही इनके काम बंद हड़ताल से दफ्तरो में ताला लगा रहा….और लोग काम करवाने भटकते रहे….जाहिर है इनकी हड़ताल ज्यादा दिनों तक चली तो राजस्व का काम गड़बड़ा जाएगा….
दरसल चुनावी वर्ष में सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत सोमवार से प्रदेश भर के पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
बिलासपुर जिला मुख्यालय में बृहस्पति बाजार के पास स्थित अनुभव भवन में पूरे जिले के पटवारी एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ धरने पर बैठे पटवारियों की 8 सूत्रीय मांग है जिसे पूरा करने अनिश्चितकालीन हड़ताल के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। राजस्व पटवारी संघ के जिला प्रवक्ता बनवारीलाल सनाढ्य ने बताया कि पटवारी संघ की प्रमुख मांगों में वेतन पुनरीक्षण और वेतन विसंगति,वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति देने, संसाधन एवं भत्ते में बढ़ोतरी करने, पटवारियों की भर्ती में योग्यता स्नातक किए जाने,मुख्यालय में निवास की बाध्यता समाप्त करने और बिना विभागीय जांच के किसी भी पटवारी पर एफ आई आर दर्ज नहीं किए जाने जैसी मांगें शामिल हैं। पटवारियों ने अपनी मांगों को लेकर पिछले 1 वर्ष के भीतर विभिन्न चरणों में आंदोलन किया था परंतु उनकी मांगे सरकार द्वारा पूरी नहीं की गई। इसी दौरान एक दिवसीय हड़ताल के बाद राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के आश्वासन के बाद पटवारियों ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी थी। इसके बाद भी मांगे पूरी नहीं की गई। पटवारी संघ के पदाधिकारी आलोक तिवारी ने बताया कि संघ की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अब जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से राजस्व विभाग का और आम जनता का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
बरहाल सरकार पटवारियों की मांगों पर कब तक सहमत होती है और इनकी मांगे कब तक पूरी की जाती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।