रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरपंच संघ के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक बुधवार को राजधानी में आयोजित की गई. सरपंच संघ अपनी मांग और समस्याओं को लेकर रणनीति बनाई गई. सरपंच संघ अपनी 13 सूत्रीय मांग को लेकर राजधानी सहित जिला मुख्यालय में कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं. बावजूद इसके सरकार के द्वारा अब तक इनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया है. सरपंच संघ के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 23 मई को सरपंच और जनता जन यात्रा की राजधानी से शुरुआत कर दिल्ली तक जाएंगे. सरपंच संघ का कहना है कि प्रदेश सरकार के द्वारा निराश्रित और विधवाओं को दी जाने वाली पेंशन राशि भीख देने जैसी राशि है. सरपंच संघ अपना ज्ञापन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सौंपेंगे।
23 मई से सरपंच और जनता जन यात्रा की होगी शुरुआत
सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने बताया कि “सरपंच संघ के साथ ही आम जनता से जुड़ी 13 सूत्रीय मांग है. जिसको लेकर छत्तीसगढ़ में कई बार प्रदर्शन भी किया गया. बावजूद इसके इनकी मांग अब तक पूरी नहीं हुई. ऐसे में अब सरपंच संघ अपनी मांग को लेकर दिल्ली तक जाएंगे. दिल्ली पहुंचकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपेंगे. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ में दिए जा रहे विधवा और निराश्रित पेंशन की राशि भीख देने जैसी राशि है. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर 23 मई से सरपंच और जनता जन यात्रा की शुरुआत करेंगे. इस यात्रा में सरपंच संघ 7 राज्य से होकर 1600 किलोमीटर तक की दूरी तय करेंगे.”
सरपंच संघ की 13 सूत्रीय मांग
01. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की राशि में वृद्धि कर इसे 3 लाख रुपए किया जाए.
02. मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्य के लिए मजदूरों को 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाना चाहिए.
03. मनरेगा कार्य की सामग्री का भुगतान प्रतिमाह में भुगतान होना चाहिए.
04. मनरेगा के सभी निर्माण कार्य में 50% अग्रिम राशि दिया जाए और निर्माण कार्यों में 70% सामग्री और 30% मजदूरी का अनुपात निर्धारित किया जाए.
05. 15 वें वित्त आयोग अनुदान राशि में वृद्धि करके 15 वां वित्त आयोग की संपूर्ण राशि पहले की तरह ग्राम पंचायतों के खातों में दिया जाना चाहिए.
06. सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 आरटीआई में संशोधन कर ग्राम पंचायत को इससे मुक्त किया जाए.
07. पंचायत राज एक्ट की धारा 38 39 40 में संशोधन किया जाए और दोषी सरपंच का निलंबन राज्यपाल के द्वारा किया जाना चाहिए.
08. ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले निराश्रित पेंशन धारी विधवा परित्यक्ता और दिव्यांगों को मिलने वाली सभी प्रकार की पेंशन योजना को बढ़ाकर 2000 रुपए प्रतिमाह किया जाए.
09. सरपंच ग्राम प्रधान मुखिया को 25 हजार रुपए मासिक सुविधा के साथ 5 हजार पेंशन दिया जाए. जैसे सांसद और विधायकों को वेतन और पेंशन दिया जाता है.
10. सरपंच ग्राम प्रधान और मुखिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ फैसला पंचों द्वारा ना कराकर ग्राम सभा आयोजित कर सक्षम अधिकारी के सामने जनता के द्वारा होना चाहिए.
11. हर ग्राम पंचायतों में सालाना 10 लाख रुपया ग्रामीण विकास के लिए सरपंच निधि के रूप में केंद्र सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को राशि दी जानी चाहिए.
12. हितग्राही मूलक कार्य जैसे शौचालय की राशि को बढ़ाकर 25 हजार रुपए किया जाना चाहिए.
13. नया राशन कार्ड बनवाने पर 2011 की सर्वे सूची या ग्राम सभा के अनुमोदन को आधार मानकर बनना चाहिए.