बिलासपुर। अपनी मां के सरपंच बनते ही सरंपच प्रतिनिधि पुत्र ने सबसे पहले गांव के सरकारी राशन दुकान को अपने कब्जे में लिया, ताकि ग्रामीणों के राशन की काला बाजारी की जा सके। ग्रामीणों को अनाज वितरण करना तो दूर अब वह उन्हें धमकी दे रहा है। सरकार द्वारा माह अप्रैल में एक साथ दो माह का राशन उपलब्ध कराया गया है किंतु राशन दुकान संचालक मनमानी करते हुए ग्रामीणों को एक माह का ही अनाज दिया जा रहा है। जब ग्रामीणों ने उसका विरोध किया तो वह दुकान को ही बंद कर दिया है।
राशन दुकान संचालक हरवंश कस्तूरिया ने बताया की अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी वे किसी भी प्रकार की व्यवस्था नही बना पाते। जिससे यह लगता है की खाद्य विभाग ही ऐसी स्थिति निर्मित करना चाहती है जिससे आम जनता को लगातार परेशानी होती रहे। राशन दुकान संचालक ने यह भी बताया की खाद्य विभाग द्वारा दो महीने का राशन उपलब्ध कराया गया लेकिन गांव में राशन वितरित करने के लिए जो भवन दिया गया है उसमे दो माह का राशन नही रखा जा सकता। जिससे ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है। लिहाजा राशन विक्रेता और अधिकारियों की मनमानी के चलते ग्रामीणों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
मामला रतनपुर मुख्य मार्ग से लगे ग्राम सेमरा का है। यहां की महिला सरपंच का पुत्र सरपंच प्रतिनिधि हरवंश कस्तुरिया राशन दुकान का संचालन कर रहा है। यहां के ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि राशन दुकान संचालक द्वारा दो माह के अनाज के बदले में केवल एक माह का ही राशन वितरण कर रहा है। ग्रामीणों ने जब उसका विरोध किया तो वह राशन दुकान को ही बंद कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें नमक, शक्कर, मिट्टी तेल नहीं दिया जाता है। इसी तरह राशन दुकान भी समय पर नहीं खुलता। करीब 12 सौ मतदाता वाले इस गांव में लोगों को सरकारी अनाज प्राप्त करने के लिए तीन से चार दिन चक्कर काटना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि आस पास के समस्त गांवों में दो माह का अनाज वितरण किया जा रहा है किंतु हमारे गांव में सरपंच प्रतिनिधि राशन दुकान संचालक दो माह का एंट्री कर एक माह का राशन दिया जा रहा है। राशन दुकान संचालक की मनमानी के चलते गांव में भारी विरोध का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि राशन दुकान के अलावा गांव के सरकारी जमीनों को कब्जा कर लिया गया है। यहां पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है। पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है।