छत्तीसगढमानव तस्करी, साईबर क्राइम और कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न पर महिला आयोग...

मानव तस्करी, साईबर क्राइम और कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न पर महिला आयोग द्वारा संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित, छ.ग. की महिलाओं को अपराध से बचने के बारे में दिया गया प्रशिक्षण: डॉ. किरणमयी नायक

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा आज यहां स्व. लखीराम ऑडिटोरियम में महिलाओं के लिए संभाग स्तरीय विधिक जागरूकता प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मानव तस्करी, सायबर क्राइम और कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम के विभिन्न पहलूओं पर बारीकी से जानकारी दी गयी। कार्यशाला में महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाओं को हमेशा अन्याय का विरोध करना चाहिए। इससे उनकी स्वतंत्रता और बढ़ेगी और वे निश्चिंत होकर कार्य कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और अपने आस-पास की महिलाओं को भी जागरूक करें। महिला सुरक्षा को लेकर आयोग महत्ती भूमिका निभा रहा है। ऐसी कार्यशाला से महिला सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ती है। आयोग द्वारा बीते वर्षाें में महिला सुरक्षा को लेकर जो कदम उठाए गए है। यह पहल महिला सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

कार्यशाला में बिलासपुर संभाग के सभी जिलों से 350 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया गया है। ये प्रतिभागी अपने-अपने क्षेत्र में महिलाओं को जागरूक करने का काम करेंगी। कार्यशाला में महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. श्रीमती नायक ने बताया कि महिला आयोग द्वारा विगत तीन वर्षो में 162 सुनवाई की जा चुकी है। आयोग की कार्यप्रणाली से महिलाओं का विश्वास आयोग पर बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारों के संरक्षण के लिए आयोजित यह कार्यशाला एक अभियान है जो आगे भी निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए लड़को और लड़कियों को समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने महिलाओं से तकनीकी के इस दौर में अपराधों के नए तौर-तरीकों को देखते हुए आवश्यक सतर्कता बरतने की बात कही। उन्होंने कहा कि आयोग की कोशिश है कि लोगों तक यथासंभव राहत पहुंचाएं। महिलाएं और बालिकाएं अपने उपर होने वाले किसी भी तरह के उत्पीड़न या शोषण को दबाएं नहीं बल्कि उनके खिलाफ बुलंद हौसलों के साथ आवाज उठाएं।

*एक वाट्सअप मैसेज पर आयोग करेगा मदद*  

श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाएं एवं बालिकाएं अपने उपर होने वाले उत्पीड़न एवं शोषण को बिल्कुल भी न सहें और इसके विरूद्ध आवाज उठाए। यदि किसी कारण महिला आयोग के कार्यालय नहीं आ पा रही है तो वाट्सअप पर मैसेज कर सकती है अथवा पत्र लिख सकती है। आयोग इसे संज्ञान में लेकर त्वरित करेगा। महिला आयोग के कॉल सेंटर 9098382225 पर यह मैसेज भेजा सकता है अथवा कॉल करके अपनी समस्या बताई जा सकती है।

*फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने दिए उपयोगी टिप्स* 

कार्यशाला में फॉरेंसिक एक्सपर्ट श्रीमती सुनंदा ढेंगे ने अपराध साक्षी प्रकरण इस विषय पर प्रकाश डालते हुए पुलिस वालों को महिला अपराध विवेचना संबंधी तथ्यों पर बारीकी से जानकारी दी। यौन उत्पीड़न के प्रकरण में पुलिस को साक्ष्य इकट्ठा करने के मामले में विवेचना की जानकारी दी गई। साथ ही अतिरिक्त जिला अभियोजक सुश्री शमीम रहमान ने लैंगिक उत्पीड़न के संबंध में सभी को जागरूक किया। परिवार न्यायालय और आंतरिक परिवाद समिति पर विस्तार से प्रकाश डाला।

*साईबर क्राइम के प्रति महिलाओं को किया गया जागरूक*

उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती स्नेहिल साहू ने साईबर क्राइम पर महिलाओं को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति एप लांच किया है। जिसे सभी महिलाओं को अपने मोबाईल में इंस्टाल करना चाहिए। उन्होंनेे महिलाओं को बढ़ते साईबर क्राइम के प्रति सचेत रहने के उपयोगी टिप्स दिए। उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षात्मक उपायों की जानकारी दी।

*मानव तस्करी पर प्रकाश डाला गया*

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रतिभा तिवारी ने मानव तस्करी पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने इसके विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए इससे महिलाओं को सर्तक रहने की सलाह दी। मानव तस्करी के प्रकरणों मंे अधिकांश महिलाएं शोषित होती है, इसलिए उनके बचाव पर गंभीरता से प्रकाश डाला गया और आसपास की महिलाओं को भी सचेत करने के बारे में बताया गया।

*प्रश्नोत्तरी से महिलाओं की जिज्ञासाओं का समाधान*

कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा महिलाओं की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया। इस दौरान महिलाओं ने कार्यस्थल और महिला कानूनों से संबंधित प्रश्न किए, जिनका सभी अतिथियों ने समाधान कारक जवाब दिया। प्रश्नोत्तर सत्र में महिलाओं ने समय से ज्यादा देर तक प्रश्न पूछे और महिलाएं इस सत्र का आनंद ले रही थी। इस दौरान बेहतर प्रश्नों पर महिलाओं को गिफ्ट भी दिया गया।

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग द्वारा आज यहां स्व. लखीराम ऑडिटोरियम में महिलाओं के लिए संभाग स्तरीय विधिक जागरूकता प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मानव तस्करी, सायबर क्राइम और कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम के विभिन्न पहलूओं पर बारीकी से जानकारी दी गयी। कार्यशाला में महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाओं को हमेशा अन्याय का विरोध करना चाहिए। इससे उनकी स्वतंत्रता और बढ़ेगी और वे निश्चिंत होकर कार्य कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हों और अपने आस-पास की महिलाओं को भी जागरूक करें। महिला सुरक्षा को लेकर आयोग महत्ती भूमिका निभा रहा है। ऐसी कार्यशाला से महिला सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ती है। आयोग द्वारा बीते वर्षाें में महिला सुरक्षा को लेकर जो कदम उठाए गए है। यह पहल महिला सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगी। कार्यशाला में बिलासपुर संभाग के सभी जिलों से 350 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया गया है। ये प्रतिभागी अपने-अपने क्षेत्र में महिलाओं को जागरूक करने का काम करेंगी। कार्यशाला में महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. श्रीमती नायक ने बताया कि महिला आयोग द्वारा विगत तीन वर्षो में 162 सुनवाई की जा चुकी है। आयोग की कार्यप्रणाली से महिलाओं का विश्वास आयोग पर बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारों के संरक्षण के लिए आयोजित यह कार्यशाला एक अभियान है जो आगे भी निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए लड़को और लड़कियों को समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने महिलाओं से तकनीकी के इस दौर में अपराधों के नए तौर-तरीकों को देखते हुए आवश्यक सतर्कता बरतने की बात कही। उन्होंने कहा कि आयोग की कोशिश है कि लोगों तक यथासंभव राहत पहुंचाएं। महिलाएं और बालिकाएं अपने उपर होने वाले किसी भी तरह के उत्पीड़न या शोषण को दबाएं नहीं बल्कि उनके खिलाफ बुलंद हौसलों के साथ आवाज उठाएं। *एक वाट्सअप मैसेज पर आयोग करेगा मदद*   श्रीमती किरणमयी नायक ने कहा कि महिलाएं एवं बालिकाएं अपने उपर होने वाले उत्पीड़न एवं शोषण को बिल्कुल भी न सहें और इसके विरूद्ध आवाज उठाए। यदि किसी कारण महिला आयोग के कार्यालय नहीं आ पा रही है तो वाट्सअप पर मैसेज कर सकती है अथवा पत्र लिख सकती है। आयोग इसे संज्ञान में लेकर त्वरित करेगा। महिला आयोग के कॉल सेंटर 9098382225 पर यह मैसेज भेजा सकता है अथवा कॉल करके अपनी समस्या बताई जा सकती है। *फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने दिए उपयोगी टिप्स*  कार्यशाला में फॉरेंसिक एक्सपर्ट श्रीमती सुनंदा ढेंगे ने अपराध साक्षी प्रकरण इस विषय पर प्रकाश डालते हुए पुलिस वालों को महिला अपराध विवेचना संबंधी तथ्यों पर बारीकी से जानकारी दी। यौन उत्पीड़न के प्रकरण में पुलिस को साक्ष्य इकट्ठा करने के मामले में विवेचना की जानकारी दी गई। साथ ही अतिरिक्त जिला अभियोजक सुश्री शमीम रहमान ने लैंगिक उत्पीड़न के संबंध में सभी को जागरूक किया। परिवार न्यायालय और आंतरिक परिवाद समिति पर विस्तार से प्रकाश डाला। *साईबर क्राइम के प्रति महिलाओं को किया गया जागरूक* उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती स्नेहिल साहू ने साईबर क्राइम पर महिलाओं को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति एप लांच किया है। जिसे सभी महिलाओं को अपने मोबाईल में इंस्टाल करना चाहिए। उन्होंनेे महिलाओं को बढ़ते साईबर क्राइम के प्रति सचेत रहने के उपयोगी टिप्स दिए। उन्होंने महिलाओं के लिए सुरक्षात्मक उपायों की जानकारी दी। *मानव तस्करी पर प्रकाश डाला गया* अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रतिभा तिवारी ने मानव तस्करी पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने इसके विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए इससे महिलाओं को सर्तक रहने की सलाह दी। मानव तस्करी के प्रकरणों मंे अधिकांश महिलाएं शोषित होती है, इसलिए उनके बचाव पर गंभीरता से प्रकाश डाला गया और आसपास की महिलाओं को भी सचेत करने के बारे में बताया गया। *प्रश्नोत्तरी से महिलाओं की जिज्ञासाओं का समाधान* कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा महिलाओं की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया। इस दौरान महिलाओं ने कार्यस्थल और महिला कानूनों से संबंधित प्रश्न किए, जिनका सभी अतिथियों ने समाधान कारक जवाब दिया। प्रश्नोत्तर सत्र में महिलाओं ने समय से ज्यादा देर तक प्रश्न पूछे और महिलाएं इस सत्र का आनंद ले रही थी। इस दौरान बेहतर प्रश्नों पर महिलाओं को गिफ्ट भी दिया गया।
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