बिलासपुर। केंद्रीय जेल में बंद कैदी के संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। तीन दिन पहले पुलिस ने आबकारी एक्ट के मामले में युवक को गिरफ्तार किया था। परिजन युवक के मौत को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। पुलिस पर मारपीट और पैसे मांगने का आरोप है। इधर कैदी के मौत के बाद अब जांच की बात कही जा रही है।
दरअसल, बीते शुक्रवार को कोटा पुलिस ने अवैध शराब रखने और बेचने वालों पर कार्रवाई करते हुए अलग- अलग प्रकरण दर्ज किए थे। इसमें गनियारी निवासी युवक उपेन्द्र वर्मा को भी पुलिस ने 13 लीटर अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया था। आबकारी के एक्ट तहत केस दर्ज कर आरोपी को न्यायालय से केंद्रीय जेल दाखिल किया गया था। इसी बीच बीते रात परिजनों को सूचना मिली कि कैदी उमेंद की तबीयत खराब थी, उसकी मौत हो गई है। परिजनों ने उमेद के मौत को लेकर सवाल खड़े किया है। परिजनों का कहना है कि, 3 दिन पहले जब उमेंद को गिरफ्तार किया गया था तब वह बिल्कुल स्वस्थ्य था। परिजनों का आरोप है कि, उसके साथ मारपीट की गई, पुलिस इससे पैसे की भी मांग कर रही थी। इधर कैदी के संदिग्ध मौत के बाद अब जांच की बात कही जा रही है। परिजनों ने एसपी को शिकायत सौंप जांच व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
तखतपुर विधानसभा के गनियारी क्षेत्र में उपेन्द्र वर्मा की जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में हुई आकस्मिक मृत्यु के कारण नागरिकों में भारी रोष व्याप्त था उपेन्द्र को दो दिन पूर्व कोटा पुलिस अपने साथ ले गयी थी और उसकी जेल मृत्यु हो गयी। परिवार जनों के साथ समाज और क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने कई घण्टे बिलासपुर-कोटा मुख्य मार्ग को शव रख कर मृतक के गृह ग्राम गनियारी में चक्का जाम कर तीन सूत्री मांग रखी।
पहला 50 लाख रुपये मुआवजा दूसरा दोषी के निलम्बन और तीसरा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी | देर रात तक पीड़ित परिवार के साथ श्रीमती हर्षिता पाण्डेय ग्राम सरपंच जितेंद्र राज, मिथुन राजेन्द्र वर्मा, विनोद यादव, सुधीर यादव सहित चक्का जाम करने वाले ग्रामवासियों की एसडीएम और एएसपी से चर्चा और उनके 10 दिन के भीतर परिवार के एक सदस्य को कलेक्टर दर पर डेली वजेस पर नौकरी दिए जाने के आश्वासन के बाद देर रात पौने बारह बजे धरना खत्म किया गया और पार्थिव शरीर कों परिजन अपने निवास ले गए।
उल्लेखनीय है कि विधायक या उनके किसी भी प्रतिनिधि के पूरी घटना पर अनुपस्थित रहने से परिवार – क्षेत्रजनो में भारी रोष व्याप्त है ।