बिलासपुर। पिछले कुछ सालों में हालात कुछ ऐसे बन गए है कि सुने छोड़ दिए गए मकान में चोरी और खाली छोड़ दिए गए जमीन पर कब्जा होना मानो तय है। नए-नए भूमाफिया अलग-अलग तरीके से आम लोगों की जमीन को कब्जा कर रहे हैं और फिर उन्हें अपनी ही जमीन के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है। मोपका क्षेत्र वैसे ही जमीन घोटालों के लिए कुख्यात रहा है। बिलासपुर के सभी बड़े जमीन संबंधी विवाद मोपका क्षेत्र में ही अंजाम दिए गए हैं। इस बार मोपका के रामकृष्ण नगर से एक अजीब सी शिकायत सामने आई है।
मोपका राम कृष्णा नगर के निवासियों ने बिलासपुर प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी दी कि शासकीय कर्मचारी सहकारी आवास निर्माण समिति मर्यादित पंजीयन क्रमांक 3157 बिलासपुर के कथित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष द्वारा अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। पहले से ही समिति के पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार और कॉलोनी की दुर्दशा को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है और अब तो बिना कॉलोनी वासियों को सूचित किए ही अशोक गोरख और संजय तिवारी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बन बैठे हैं। इन दोनों ने कॉलोनी वासियों का जीवन नर्क बना दिया है। यहां जिन प्लॉटों में बाउंड्री करके भूमि स्वामी का नाम लिखा जा चुका है, उनमें जबरदस्ती बलपूर्वक पेंट करके ‘यह समिति की भूमि है’ लिखा जा रहा है। जिनको पूर्व में समिति द्वारा कब्जा प्रमाण पत्र दिया जा चुका है, उनको पुनः कब्जा प्रमाण पत्र लेने को कहा जा रहा है और इसके एवज में 50 हज़ार से लेकर 3 लाख रुपये प्रति प्लॉट की अवैध मांग की जा रही है। इतना ही नहीं, जब भी कॉलोनी में कोई निर्माण कार्य होता है तो यह दोनों या इनके गुंडे वहां पहुंच जाते हैं और दबाव डालते हैं कि यह निर्माण कार्य उन्ही से करवाना होगा।
आरोप है कि इन दोनों द्वारा बिजली कनेक्शन हेतु भी अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के एवज में 30 से ₹50,000 मांगे जा रहे हैं। हर तरह से अवैध वसूली करने वाले अशोक गोरख और संजय तिवारी से कॉलोनी वासी तंग आ चुके हैं। दोनों की गुंडागर्दी और अवैध वसूली के खिलाफ शिकायत के बावजूद कोई कार्यवाही ना होने पर कॉलोनी वासियों को मीडिया के समक्ष आना पड़ा। इसके अलावा कलेक्टर से लेकर आई जी और एसपी को ज्ञापन देकर वर्तमान समिति को भंग करने और नए सिरे से पदाधिकारियों का चुनाव करवाएं की मांग की गई है। साथ ही अब तक भया दोहन करने वाले कथित अध्यक्ष अशोक गोरख और उपाध्यक्ष संजय तिवारी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग भी की गई है।