जांजगीर-चांपा। महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के तहत जनपद पंचायत बलौदा की जर्वे (च) में चल रहे निर्माण कार्यों का शुक्रवार को जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. ज्योति पटेल ने निरीक्षण किया। इस दौरान रीपा के निर्माण कार्यों की धीमी गति पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों, रीपा टीम के सदस्यों, सरपंच, सचिव को निर्माण कार्यो को समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
जिला पंचायत सीईओ द्वारा सतत रूप से रीपा का निरीक्षण किया जा रहा है। इस दौरान स्व सहायता समूह, ग्रामीण, युवाओं से चर्चा भी कर रही है। इसी तारतम्य में शुक्रवार को जनपद पंचायत बलौदा की जर्वे च एवं नवागढ़ जनपद पंचायत की पेंड्री में रीपा के कार्यो का निरीक्षण किया। इस दौरान जर्वे (च) में उन्होंने आचार पापड़ बरी शेड निर्माण, आफसेट प्रिटिंग प्रेस शेड निर्माण, मशरूम शेड निर्माण, बेकरी शेड निर्माण कार्य का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि जिस गति से निर्माण कार्य होना चाहिए तो उस गति से नहीं चल रहा है, इस पर उन्होंने मौके पर संबंधित इंजीनियर, रीपा टीम के सदस्यों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रीपा योजना का समय सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण होना चाहिए, ताकि समय पर ही इसका शुभारंभ किया जा सके। उन्हांने रीपा के सभी निर्माण के कार्यों को निर्धारित समय में पूर्ण करने के निर्देश दिए और सतत मानीटरिंग करने कहा। इस दौरान उन्होंने सरपंच श्रीमती सरस्वती सूर्यवंशी से गोठान एवं रीपा के आसपास की जमीन का समतलीकरण कराकर उद्यानिकी विभाग के सहयोग से उसमें सब्जी-भाजी एवं अच्छी किस्म के फूलों की बागबानी समूह के माध्यम से कराने कहा। इसके बाद उन्होंने जनपद पंचायत नवागढ़ की ग्राम पंचायत पेंड्री गोठान में रीपा के तहत निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। रीपा के चल रहे कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए मशरूम शेड, पॉली हाउस, बागवानी को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्हांेने कहा कि जो समूह प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं वह अपने कार्य को शुरू करें। इस दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, पशुपालन विभाग उपसंचालक केपी पटेल, उद्यानिकी विभाग सहायक संचालक श्रीमती रंजना माखीजा, मछली पालन विभाग सहायक संचालक एसएस कंवर सहित अन्य विभागीय अधिकारी सहित सरपंच श्रीमती सरस्वती सूर्यवंशी मौजूद रहे।
गोठान में नियमित हो गोबर खरीदी
जिपं सीईओ ने जर्वे च एवं पेंड्री गोठान में नियमित रूप से गोबर की खरीदी किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालकों की संख्या के अनुसार गोठान में गोबर पहुंचाना चाहिए। इसके लिए सचिव एवं गोठान प्रबंधन समिति पशुपालकों को प्रेरित करें और गोबर विक्रय कराएं।