छत्तीसगढछत की मरमत के पैसे नही थे तब ऐसे समय में प्रधानमंत्री...

छत की मरमत के पैसे नही थे तब ऐसे समय में प्रधानमंत्री आवास बना सहारा

प्रधानमंत्री आवास योजना से जीवन हुआ खुशहाल

बिलासपुर। जनपद पंचायत कोटा के करका निवासी रामफूल बैगा जिनके पास अपने घर के मरम्मत करवाने के लिये पैसे नहीं थे आज उनके पास अपना पक्का मकान है जो संभव हुआ है प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण से। रामफूल अपने बच्चों के साथ खुशहाली और आनंद के साथ अपने नए आवास में रह रहे है। कोटा विकासखंड के ग्राम पंचायत करका में निवासरत रामफूल बैगा की आर्थिक स्थिति ठीक नही थी। खेती बाड़ी करके जैसे-तैसे अपने परिवार का गुजारा कर रहे थे, वह चाहते थे कि उनका घर जो कच्चा है, उसको पक्की छत वाला बनाया जाए। लेकिन उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह टूटे-फूटे मकान और खपरों की मरम्मत करा सके। इस समस्या से जूझते हुए वे अपनी जिंदगी बसर कर रहे थे। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह कभी पक्के मकान में रह पाएंगे, लेकिन कहते हैं कि जहां चाह है वहां राह है और रामफूल के लिए यह राह आसान बनाई प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण ने। जीवन अब पहले से बहुत बेहतर हो गया है। अपना पक्का घर बन जाने से भविष्य की चिंता भी नहीं रही।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत स्वीकृत आवास

जनपद पंचायत कोटा में अब तक कुल 10 हजार 661 आवास स्वीकृत किया गया है। जिनमें से 9 हजार 172 आवासों का निर्माण पूर्ण हो चुका हैं। योजना के तहत पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी किश्त की राशि हितग्राहियों के खातों में अंतरित कर दी गई हैं। राज्य शासन द्वारा जारी आवंटन से 10 हजार से अधिक हितग्राही सीधे लाभान्वित हुए हैं और इनके अपने आवास का सपना पूरा हो गया है।

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प्रधानमंत्री आवास योजना से जीवन हुआ खुशहाल बिलासपुर। जनपद पंचायत कोटा के करका निवासी रामफूल बैगा जिनके पास अपने घर के मरम्मत करवाने के लिये पैसे नहीं थे आज उनके पास अपना पक्का मकान है जो संभव हुआ है प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण से। रामफूल अपने बच्चों के साथ खुशहाली और आनंद के साथ अपने नए आवास में रह रहे है। कोटा विकासखंड के ग्राम पंचायत करका में निवासरत रामफूल बैगा की आर्थिक स्थिति ठीक नही थी। खेती बाड़ी करके जैसे-तैसे अपने परिवार का गुजारा कर रहे थे, वह चाहते थे कि उनका घर जो कच्चा है, उसको पक्की छत वाला बनाया जाए। लेकिन उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह टूटे-फूटे मकान और खपरों की मरम्मत करा सके। इस समस्या से जूझते हुए वे अपनी जिंदगी बसर कर रहे थे। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह कभी पक्के मकान में रह पाएंगे, लेकिन कहते हैं कि जहां चाह है वहां राह है और रामफूल के लिए यह राह आसान बनाई प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण ने। जीवन अब पहले से बहुत बेहतर हो गया है। अपना पक्का घर बन जाने से भविष्य की चिंता भी नहीं रही। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत स्वीकृत आवास जनपद पंचायत कोटा में अब तक कुल 10 हजार 661 आवास स्वीकृत किया गया है। जिनमें से 9 हजार 172 आवासों का निर्माण पूर्ण हो चुका हैं। योजना के तहत पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी किश्त की राशि हितग्राहियों के खातों में अंतरित कर दी गई हैं। राज्य शासन द्वारा जारी आवंटन से 10 हजार से अधिक हितग्राही सीधे लाभान्वित हुए हैं और इनके अपने आवास का सपना पूरा हो गया है।
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