बिलासपुर। न्यायधानी के बिल्डर वकील अंसारी की फिरौती के लिए अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। वकील अंसारी पिछले दो माह से गायब था। उसकी पत्नी की शिकायत पर अपहरण व फिरौती माँगने का एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच कर रही थी। मामले में पुलिस ने आरोपी पति पत्नी व उनके एक साथी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पहले ब्लैकमेल कर वकील अंसारी से रकम वसूलना चाहते थे। असफल रहने पर उन्होंने वकील की हत्या कर दी थी। मामला सकरी थाना क्षेत्र का है।
सकरी थाना क्षेत्र के आसमां सिटी कालोनी निवासी 35 वर्षीय वकील अंसारी बिल्डर व जमीन का कारोबार करते थे। उनका सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मंगला चौक में ऑफिस था। वे 3 नवंबर को अपनी पत्नी को घर से यह बोल कर निकले थे कि वो अंबिकापुर में अपने मित्र आरएस बागड़िया से पैसो व व्यापार के बारे में बातचीत करने के लिए जा रहे हैं। 5 नवंबर तक वापस नही आने पर उनकी पत्नी अकबरी खातून ने सकरी थाना में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। अंबिकापुर के एक होटल में उनकी सीसीटीवी में एक युवती के साथ होटल के कमरे से निकल कर रिसेप्शन में आने की फुटेज पुलिस को मिली थी। पुलिस को जांच में पता चला कि वकील अंसारी एक युवती के साथ होटल में रुके हुए थे। वे एक अन्य होटल भी गए थे पर उनके साथ कि युवती का आईडी कार्ड माँगने पर वह वहां नही रुके थे। इसलिए पुलिस पहले मामले को संदिग्ध मान रही थी। इसी बीच वकील के मित्र आरएस बगड़िया ने फोन कर उनकी पत्नी को बताया कि उनके पास वकील अंसारी का फोन आया था। वे काफी डरे हुए भी थे और उन्होंने कहा है कि मेरा अपहरण हो गया है, मैं खतरे में हु और दस लाख हु तैयार रखना। यह जानकारी आरएस बागड़िया से मिलने पर वकील अंसारी की पत्नी अकबरी खातून ने पुलिस से संपर्क किया। जिस पर 8 नवंबर को पुलिस ने अपहरण का अपराध दर्ज कर वकील की तलाश शुरू की।
इस दौरान वकील अंसारी का फोन तो बंद था पर उसके एटीएम व फोन पे से देश के अलग अलग जगहों पर राशि का आहरण व भुगतान हो रहा था। जिस पर पुलिस ने तकनीकी जांच कर अंबिकापुर, कांकेर, कोंडागांव, हैदराबाद, नागपुर व आगरा, मथुरा, बिहार में दबिश दी थी। तकनीकी जाँच में पुलिस को पता चला कि जिन जिन स्थानो पर वकील अंसारी के एटीएम से आहरण या भुगतान हुआ है वहां वहां पर कुछ संदिग्ध नंबर हमेशा एक्टिव व उपस्थित थे। नम्बरो का डिटेल निकाल कर पुलिस टीम ने लोकेशन के आधार पर भिलाई से तीन लोगों को हिरासत में लिया। तीनो ने हत्या का अपराध स्वीकार कर लिया।
हत्या की वजह
हत्या का मुख्य आरोपी हेमंत साहू भिलाई का आरोपी है। वह जुआ सट्टा में संलिप्त रहता है। जिसके चलते वह कर्ज में डूबा हुआ था। भिलाई में तगादेदारों से परेशान होकर वह अपनी पत्नी संतोषी उर्फ पूजा वर्मा के साथ अक्टूबर माह से बिलासपुर आकर नौकरी की तलाश में जुटा हुआ था। इसी एक दिन हेमंत साहू व संतोषी वर्मा भाटापारा के पेट्रोल पंप में वकील अंसारी से मिले। वकील अंसारी ने उन्हें पेट्रोल पंप मालिक होने की बात बताई। और नौकरी देने की पेशकश की। उसी दिन से पति-पत्नी ने प्लानिंग कर ली कि संतोषी उर्फ पूजा वर्मा वकील को प्रेम जाल में फ़ासेगी फिर योजनाबद्ध तरीके से उसे ब्लैकमेल कर दोनो पति पत्नी मोटी रकम एठेंगे। 3 नवंबर को तय योजना के अनुसार वकील अंसारी के साथ संतोषी वर्मा उसके वाहन में बैठ कर अंबिकापुर जाने के लिए निकली। पीछे पीछे हेमंत साहू व गणेश यादव भी अपने डस्टर कार में निकले। रास्ते मे ही वकील अंसारी को पकड़ कर ब्लैकमेल करने की योजना थी। पर वकील तेजी से गाड़ी चला कर आगे निकल गया। और दोनो डस्टर में पीछे ही रह गए। अंबिकापुर में संतोषी वर्मा व वकील अंसारी एक होटल में रुक गए।