छत्तीसगढसफलता की कहानी : प्रधानमंत्री आवास योजना लोगों के लिए बनी वरदान,...

सफलता की कहानी : प्रधानमंत्री आवास योजना लोगों के लिए बनी वरदान, आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के सपने हो रहे पूरे

पक्का मकान मिलने से नर्धू को मिली बंदरों के उत्पात से राहत

बिलासपुर। जिले के मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम पंचायत सोंठी निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग नर्धू राम के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना किसी वरदान से कम नहीं है। नर्धू बताते है कि वे बहुत कठिनाईयों से अपना जीवन यापन कर रहे थे। उनके पास केवल एक छोटा सा भूमि का हिस्सा था, जिसमें खेती करके किसी-तरह उनका गुजारा हो रहा था। इन विकट आर्थिक परिस्थिति में पक्के मकान का सपना भी देखना दूर की बात थी। नर्धू राम अपने जर्जर हो चुके कच्चे मकान में निवास कर रहे थे। बढ़ती उम्र के साथ कच्चे मकान में निवास करने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी बढ़ रही थे। तंगहाली के चलते उनके लिए पक्का मकान एक सपने के समान था। कच्चे मकान में बरसात में पानी का टपकना, घर में गंदे पानी का आने जैसी समस्या से तो जैसे तैसे जूझ ही रहे थे। इसके अलावा बंदरो के उत्पात से भी दो-चार होना पड़ रहा था। बंदरों द्वारा कच्चे मकान के छत में उछल कूद कर खप्पर तोड़ देने सहित बहुत सारी समस्याओं से उन्हें जूझना पड़ रहा था। नर्धू प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए पात्र थे, जिससे उन्हें इस योजना के तहत पक्का आवास 2019_20 में स्वीकृत हुआ। उनके आवास निर्माण का कार्य तकनीकी सहायक एवं रोजगार सहायक की सहायता से पूर्ण किया गया,जिसमें वह अभी खुशहाल जीवन जी रहे है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत उनका पक्का मकान का सपना पूरा हुआ । उन्हें बंदरों के उत्पात से भी राहत मिल गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण हितग्राहियों के लिए वरदान साबित हो रही है और वे खुशी से बेहतर तरीके से जीवन यापन कर रहे हैं।

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पक्का मकान मिलने से नर्धू को मिली बंदरों के उत्पात से राहत बिलासपुर। जिले के मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम पंचायत सोंठी निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग नर्धू राम के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना किसी वरदान से कम नहीं है। नर्धू बताते है कि वे बहुत कठिनाईयों से अपना जीवन यापन कर रहे थे। उनके पास केवल एक छोटा सा भूमि का हिस्सा था, जिसमें खेती करके किसी-तरह उनका गुजारा हो रहा था। इन विकट आर्थिक परिस्थिति में पक्के मकान का सपना भी देखना दूर की बात थी। नर्धू राम अपने जर्जर हो चुके कच्चे मकान में निवास कर रहे थे। बढ़ती उम्र के साथ कच्चे मकान में निवास करने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी बढ़ रही थे। तंगहाली के चलते उनके लिए पक्का मकान एक सपने के समान था। कच्चे मकान में बरसात में पानी का टपकना, घर में गंदे पानी का आने जैसी समस्या से तो जैसे तैसे जूझ ही रहे थे। इसके अलावा बंदरो के उत्पात से भी दो-चार होना पड़ रहा था। बंदरों द्वारा कच्चे मकान के छत में उछल कूद कर खप्पर तोड़ देने सहित बहुत सारी समस्याओं से उन्हें जूझना पड़ रहा था। नर्धू प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए पात्र थे, जिससे उन्हें इस योजना के तहत पक्का आवास 2019_20 में स्वीकृत हुआ। उनके आवास निर्माण का कार्य तकनीकी सहायक एवं रोजगार सहायक की सहायता से पूर्ण किया गया,जिसमें वह अभी खुशहाल जीवन जी रहे है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत उनका पक्का मकान का सपना पूरा हुआ । उन्हें बंदरों के उत्पात से भी राहत मिल गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण हितग्राहियों के लिए वरदान साबित हो रही है और वे खुशी से बेहतर तरीके से जीवन यापन कर रहे हैं।
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