खुद के आशियाने में खुशहाल जिंदगी गुजार रहे ग्रामीण
बिलासपुर। जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना से गरीब तबके के लोगों का अपना पक्का मकान बनाने का सपना साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत जिले में अब तक 47 हजार 235 आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 42 हजार 501 आवास पूरे हो चुके हैं। राज्य शासन द्वारा 8 हजार 461 हितग्राहियों को 2 माह के भीतर ही 20 करोड़ 88 लाख रूपये की राशि जारी की गई है। इनमें 2016-17 से 2019-20 तक के लंबित आवासों में 1 हजार 878 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त की राशि 7 करोड़ 59 लाख रूपए, 2 हजार 89 हितग्राहियों को तीसरी किश्त की राशि 7 करोड़ 89 लाख रूपए और 4 हजार 494 हितग्राहियों को चौथी किश्त की राशि 5 करोड़ 39 लाख रूपए सीधे उनके खातों में अंतरित की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे गरीब परिवारों को घर मुहैया कराया जा रहा है, जिनका सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना 2011 की पात्र परिवार की सूची में नाम दर्ज है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत सभी बेघर और जिनके घरों में मरम्मत की आवश्यकता है, ऐसे परिवारों को मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। हितग्राहियों के खातें में राशि अंतरित करने के बाद राशि का सही जगह उपयोग हो अर्थात जारी राशि से आवास का ही निर्माण कार्य कराया जाये इसकी सतत मानिटरिंग की जा रही है। हितग्राही प्रेरित होकर प्राप्त राशि से आवास निर्माण करा रहे है और अगले स्तर में जियोटैग कराकर अगली किश्त की राशि प्राप्त कर रहे है।
स्वीकृत 47 हजार 235 आवासों में से 42 हजार 501 पूर्ण
जिले में योजनांतर्गत अब तक कुल 47 हजार 235 आवासों की स्वीकृति की गई है, जिनमें से 42 हजार 501 आवासों को पूर्ण हो चुके है। योजनांतर्गत स्वीकृत हितग्राहियों को 12 हजार की राशि विभिन्न स्तर पर जियो टैगिंग के आधार पर सीधे हितग्राहियों के खाते में एफटीओ के माध्यम से प्रदान की जाती है। पहली किश्त की राशि 25 हजार रूपए की स्वीकृति के पश्चात्, दूसरी किश्त की राशि 40 हजार रूपए प्लींथ स्तर पर, तीसरे किश्त की राशि 40 हजार रूपए छत स्तर पर और चौथे किश्त की राशि 15 हजार रूपए आवास पूर्ण होने पर दी जाती है। इसके साथ ही योजनांतर्गत 90 मानव दिवस का मनरेगा मजदूरी भुगतान भी किया जाता है। इस योजना से लोगों को अपने कच्चे आवासों से मुक्ति मिल गई है और योजना से लाभान्वित सभी हितग्राही अपने पक्के आशियाने में खुशहाल जिंदगी बसर कर रहे है।