छत्तीसगढऑपरेशन जिंदगी सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन. 105 घंटे बाद बोरवेल से...

ऑपरेशन जिंदगी सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन. 105 घंटे बाद बोरवेल से निकला राहुल. चट्टानों को चीर कर बाहर निकाला राहुल. स्ट्रेचर लेकर टनल में पहुंची मेडिकल टीम. राहुल की मां को एंबुलेंस में बैठाया गया. रेस्क्यू टीम राहुल को अपोलो अस्पताल ले कर निकली.. सुरंग के मुहाने पर दी गई प्राथमिक उपचार.

ऑपरेशन जिंदगी सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन.

105 घंटे बाद बोरवेल से निकला राहुल.

चट्टानों को चीर कर बाहर निकाला राहुल.

स्ट्रेचर लेकर टनल में पहुंची मेडिकल टीम.

राहुल की मां को एंबुलेंस में बैठाया गया.

रेस्क्यू टीम राहुल को अपोलो अस्पताल ले कर निकली..

सुरंग के मुहाने पर दी गई प्राथमिक उपचार.

इस पूरी घटना की मॉनिटरिंग छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे थे.

इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 500 अधिकारी-कर्मचारी की टीम पिछले 5 दिनों से लगी हुई थी.

छत्तीसगढ़/बिलासपुर/जांजगीर चांपा। 105 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद, बोरवेल में फसे राहुल को सेना के जवानों की मदद से आखिरकार बाहर निकला लिया गया। इस पूरी घटना की मॉनिटरिंग छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं कर रहे थे। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 300 अधिकारी कर्मचारियों की टीम 5 दिनो लगी हुई थी.छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले मे बोरवेल में गिरा राहुल को आखिरकार 103 घंटे बाद बाहर निकाल लिया गया.

छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे हुए गड्ढे में फंसे हुए राहुल को 105 घंटे बाद आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया गया. पिछले 5 दिनों से बोरवेल के गड्ढे में फंसा हुआ था राहुल. राहुल को निकालने के लिए इस रेस्क्यू ऑपरेशन में करीबन 500 अधिकारी कर्मचारी दिन-रात लगे हुए थे. राहुल को रेस्क्यू टीम ऑरवेल से निकालकर बिलासपुर अपोलो अस्पताल ले जाया गया है.

छ्त्तीसगढ़ सीएमओ ने अपने एक ट्वीट में बताया था कि चट्टानों को हटाने के बाद अब बचाव दल बोरवेल तक पहुंच गया है और राहुल नज़र आने लगा है. पिछले 4 दिन से बचाव अभियान जारी था. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना और पुलिसकर्मियों सहित बचाव दल बच्चे तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे से सुरंग बनाई थी. एनडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों सहित 500 से अधिक कर्मी शुक्रवार शाम से व्यापक बचाव अभियान में जुटे हुए थे. राहुल साहू शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे मलखरोदा विकासखंड के पिहरिड गांव में अपने घर के पीछे में 68 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था.

छत्तीसगढ़ सीएमओ की ओर से कुछ देर पहले जारी एक ट्वीट में बताया गया कि “अंततः राहुल ने आंखे खोली. बचाव दल को देखकर राहुल ने प्रसन्नता जाहिर की और अपनी आंखें खोली है. इस ऑपरेशन में एक चौंका देने वाली घटना घटी, आज शाम उस बोरवेल में एक सांप आ गया था, लेकिन राहुल की जीवटता से वह खतरा भी टल गया.

रविवार और शनिवार को रोबोटिक रेस्क्यू ऑपरेशन का पहला चरण सफल होने के बाद टनल बनाने का काम चालू किया गया. सुरंग बनाने के लिए कुसमुंडा मनेद्रगढ़ के एसईसीएल के अधिकारियों से चर्चा की गई कलेक्टर जीतेंद्र शुक्ला सहित सभी अधिकारियों ने निरीक्षण किया. टोटल स्टेशन से ली गई गहराई कितना के अनुसार खुदाई का कार्य किया गया.

राहुल साहू बोरवेल में कैसे गिरा : पिहरीद गांव का राहुल अपने घर के पीछे खेलते समय राहुल शुक्रवार दोपहर को बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था. जैसे ही जिला प्रशासन को इस घटना की सूचना मिली देर शाम और रात से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया. कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला की अगुवाई में जिला प्रशासन की टीम पिहरीद गांव में पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की गई.

गुजरात से रोबोट इंजीनियर और ओडिशा से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया: राहुल साहू को सुरक्षित निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल ने राहुल के परिजनों से मुख्यमंत्री की बात कराई. सीएम के निर्देश पर गुजरात से रोबोट इंजीनियर को शनिवार को बुलाया गया. ओडिशा से एनडीआरफ की टीम को बुलाया गया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 4 IAS, 2 IPS, 5 एडिशनल SP, 4 SDOP, 5 तहसीलदार, 8 TIऔर 120 पुलिसकर्मी, EE (PWD), EE (PHE), CMHO, 1 सहायक खनिज अधिकारी, NDRF के 32 कर्मी, SDRF से 15 कर्मचारी और होमगार्ड के जवान शामिल रहें…

इन मशीनों का किया गया इस्तेमाल: जांजगीर के पिहरीद गांव में बोरवेल से निकालने में एक स्टोन ब्रेकर, 3 पोकलेन, 3 जेसीबी, 3 हाइवा, 10 ट्रैक्टर, 3 वाटर टैंकर, 2 डीजल टैंकर, 1 हाइड्रा, 1 फायर ब्रिगेड, 1 ट्रांसपोर्टिंग ट्रेलर, तीन पिकअप, 1 होरिजेंटल ट्रंक मेकर, ड्रिल मशीन, रोबोट मशीन और 2 जेनरेटर का उपयोग किया गया. मौके पर एंबुलेंस को भी तैनात कर रखा गया था.

छत्तीसगढ़ का अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन अब पूरा हो गया है. करीब 105 घंटे बाद बोरवेल में गिरे राहुल साहू को बाहर निकाल लिया गया है. मंगलवार की रात करीब 10:45 बजे बोरवेल से निकालने के बाद चिकित्सकीय विशेषज्ञों ने राहुल की प्राथमिक जांच की. इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उसे अस्पताल रवाना किया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में शासन-प्रशासन, पुलिस, सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम ने काम किया. 60 फीट तक गड्ढा करने के बाद 22 फीट का टनल बनाया गया. इस टनल के जरिए काफी मशक्कत के बाद राहुल को बाहर निकाला गया. टनल की खुदाई बीते रविवार से ही शुरू की गई थी, लेकिन चट्टानें बार-बार रोड़ा बन रहीं थीं…

किसका है बोरवेल: यह बोरवेल राहुल के पिता ने ही खुदवाया है. राहुल के पिता लाला साहू ने अपने घर की बाड़ी में पानी की व्यवस्था के लिए 120 फीट के करीब बोर कराया है. केसिंग लगाया गया था, लेकिन बोर में खराबी आने के कारण उस बोर को बंद कर दिया गया और उसकी केसिंग पाइप को भी निकाल दिया गया. बोर 6 से 8 इंच का हो गया. अपनी बाड़ी में खेलते हुए राहुल इसी बोर के अंदर गिर गया.

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ऑपरेशन जिंदगी सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन. 105 घंटे बाद बोरवेल से निकला राहुल. चट्टानों को चीर कर बाहर निकाला राहुल. स्ट्रेचर लेकर टनल में पहुंची मेडिकल टीम. राहुल की मां को एंबुलेंस में बैठाया गया. रेस्क्यू टीम राहुल को अपोलो अस्पताल ले कर निकली.. सुरंग के मुहाने पर दी गई प्राथमिक उपचार. इस पूरी घटना की मॉनिटरिंग छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे थे. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 500 अधिकारी-कर्मचारी की टीम पिछले 5 दिनों से लगी हुई थी. छत्तीसगढ़/बिलासपुर/जांजगीर चांपा। 105 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद, बोरवेल में फसे राहुल को सेना के जवानों की मदद से आखिरकार बाहर निकला लिया गया। इस पूरी घटना की मॉनिटरिंग छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं कर रहे थे। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 300 अधिकारी कर्मचारियों की टीम 5 दिनो लगी हुई थी.छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले मे बोरवेल में गिरा राहुल को आखिरकार 103 घंटे बाद बाहर निकाल लिया गया. छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे हुए गड्ढे में फंसे हुए राहुल को 105 घंटे बाद आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया गया. पिछले 5 दिनों से बोरवेल के गड्ढे में फंसा हुआ था राहुल. राहुल को निकालने के लिए इस रेस्क्यू ऑपरेशन में करीबन 500 अधिकारी कर्मचारी दिन-रात लगे हुए थे. राहुल को रेस्क्यू टीम ऑरवेल से निकालकर बिलासपुर अपोलो अस्पताल ले जाया गया है. छ्त्तीसगढ़ सीएमओ ने अपने एक ट्वीट में बताया था कि चट्टानों को हटाने के बाद अब बचाव दल बोरवेल तक पहुंच गया है और राहुल नज़र आने लगा है. पिछले 4 दिन से बचाव अभियान जारी था. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना और पुलिसकर्मियों सहित बचाव दल बच्चे तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे से सुरंग बनाई थी. एनडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों सहित 500 से अधिक कर्मी शुक्रवार शाम से व्यापक बचाव अभियान में जुटे हुए थे. राहुल साहू शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे मलखरोदा विकासखंड के पिहरिड गांव में अपने घर के पीछे में 68 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था. छत्तीसगढ़ सीएमओ की ओर से कुछ देर पहले जारी एक ट्वीट में बताया गया कि “अंततः राहुल ने आंखे खोली. बचाव दल को देखकर राहुल ने प्रसन्नता जाहिर की और अपनी आंखें खोली है. इस ऑपरेशन में एक चौंका देने वाली घटना घटी, आज शाम उस बोरवेल में एक सांप आ गया था, लेकिन राहुल की जीवटता से वह खतरा भी टल गया. रविवार और शनिवार को रोबोटिक रेस्क्यू ऑपरेशन का पहला चरण सफल होने के बाद टनल बनाने का काम चालू किया गया. सुरंग बनाने के लिए कुसमुंडा मनेद्रगढ़ के एसईसीएल के अधिकारियों से चर्चा की गई कलेक्टर जीतेंद्र शुक्ला सहित सभी अधिकारियों ने निरीक्षण किया. टोटल स्टेशन से ली गई गहराई कितना के अनुसार खुदाई का कार्य किया गया. राहुल साहू बोरवेल में कैसे गिरा : पिहरीद गांव का राहुल अपने घर के पीछे खेलते समय राहुल शुक्रवार दोपहर को बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था. जैसे ही जिला प्रशासन को इस घटना की सूचना मिली देर शाम और रात से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया. कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला की अगुवाई में जिला प्रशासन की टीम पिहरीद गांव में पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की गई. गुजरात से रोबोट इंजीनियर और ओडिशा से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया: राहुल साहू को सुरक्षित निकालने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल ने राहुल के परिजनों से मुख्यमंत्री की बात कराई. सीएम के निर्देश पर गुजरात से रोबोट इंजीनियर को शनिवार को बुलाया गया. ओडिशा से एनडीआरफ की टीम को बुलाया गया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 4 IAS, 2 IPS, 5 एडिशनल SP, 4 SDOP, 5 तहसीलदार, 8 TIऔर 120 पुलिसकर्मी, EE (PWD), EE (PHE), CMHO, 1 सहायक खनिज अधिकारी, NDRF के 32 कर्मी, SDRF से 15 कर्मचारी और होमगार्ड के जवान शामिल रहें... इन मशीनों का किया गया इस्तेमाल: जांजगीर के पिहरीद गांव में बोरवेल से निकालने में एक स्टोन ब्रेकर, 3 पोकलेन, 3 जेसीबी, 3 हाइवा, 10 ट्रैक्टर, 3 वाटर टैंकर, 2 डीजल टैंकर, 1 हाइड्रा, 1 फायर ब्रिगेड, 1 ट्रांसपोर्टिंग ट्रेलर, तीन पिकअप, 1 होरिजेंटल ट्रंक मेकर, ड्रिल मशीन, रोबोट मशीन और 2 जेनरेटर का उपयोग किया गया. मौके पर एंबुलेंस को भी तैनात कर रखा गया था. छत्तीसगढ़ का अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन अब पूरा हो गया है. करीब 105 घंटे बाद बोरवेल में गिरे राहुल साहू को बाहर निकाल लिया गया है. मंगलवार की रात करीब 10:45 बजे बोरवेल से निकालने के बाद चिकित्सकीय विशेषज्ञों ने राहुल की प्राथमिक जांच की. इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उसे अस्पताल रवाना किया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में शासन-प्रशासन, पुलिस, सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम ने काम किया. 60 फीट तक गड्ढा करने के बाद 22 फीट का टनल बनाया गया. इस टनल के जरिए काफी मशक्कत के बाद राहुल को बाहर निकाला गया. टनल की खुदाई बीते रविवार से ही शुरू की गई थी, लेकिन चट्टानें बार-बार रोड़ा बन रहीं थीं... किसका है बोरवेल: यह बोरवेल राहुल के पिता ने ही खुदवाया है. राहुल के पिता लाला साहू ने अपने घर की बाड़ी में पानी की व्यवस्था के लिए 120 फीट के करीब बोर कराया है. केसिंग लगाया गया था, लेकिन बोर में खराबी आने के कारण उस बोर को बंद कर दिया गया और उसकी केसिंग पाइप को भी निकाल दिया गया. बोर 6 से 8 इंच का हो गया. अपनी बाड़ी में खेलते हुए राहुल इसी बोर के अंदर गिर गया.
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