तीर कमान : टी टी है क्या? …और जड़ दिया थप्पड़, काम और दर्द दोनों साथ साथ, आसपास की तीसरी आंख भी थी बंद

0
58

तीर कमान (वासु सोनी)। अब ये क्या सुन लिया साहब! किसी ने नगर के लौह पथ गामिनी के ठहरने वाले स्थान की देख रेख करने वाले उच्च अधिकारी को थप्पड़ जड़ दिया। मामला कोई खास नहीं है लेकिन साहब तो साहब है। रात कि बात है एक छपने छापने वाला रोज स्टेशन पहुंच जाता है? मामला तो दिखा नहीं लेकिन सुन जरूर लिया। हुआ कुछ यूं कि रेल स्टेशन के मेन मास्टर साहब रात को अपनी तैनाती देने स्टेशन पहुंचे, जैसे ही पार्किंग के पास अपनी वाहन खड़ी कर स्टेशन की तरफ लपके तभी बाइक में सवार दो-तीन युवकों ने पूछ लिया टीटी हो, साहब तो साहब ठहरे कह दिया नहीं उससे भी उपर! बस क्या था जड़ दिया दो चार! मामला यही खत्म नहीं हुआ, पता चला कि कोई बड़ा सीसी टाइप का कोई साहब स्टेशन पहुंच रहा है, फिर क्या था काम और दर्द दोनों एक साथ, समझ नहीं आ रहा क्या करें! फिलहाल बड़े साहब की सेवा पहले जरूरी थी, नौकरी जो ठहरी। बड़े साहब से शेयर भी नहीं कर पाए कि साहब जड़ दिया मुझे! कुछ समय निकला बड़े साहब आए और गए… लेकिन दर्द तो दर्द था। अब साहब करें भी क्या काल कवलित समय था जिसे रात्रि पहर कहा जाता है, साहब पहुंच गए बाहर के वर्दी वालों के पास, लेकिन उन्होंने भी खदेड़ दिया। हताश निराश मेन मास्टर साहब ने अपने ही वर्दी वालों को आपबीती सुनाई, उन्होंने कहा समय पर तो बता देते साहब…अब खोजबीन का सिलसिला शुरू हुआ लेकिन किस्मत यहां भी साथ ना दे पाई तीसरी आंख भी फेल थी उस दिन…साहब तो साहब ठहरे लगे हैं कि कुछ हो जाए, ले-देकर बाहर के वर्दी वालों ने लिख लिया…परेशान मेन स्टेशन मास्टर भी सोच में हैं कि गलती क्या कर दी…ड्यूटी की या बड़े साहब अटेंड की…बाकी तो आप समझदार हैं… मिलते हैं अगले स्टेशन पर बड़े साहब के साथ…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here