वासु सोनी चांपा। डामरीकरण का नजारा देखना हो तो चांपा जरूर पहुंचे, लेकिन क्वालिटी के मामले में भगवान भरोसे है। नगर पालिका के इंजीनियर योगेश राठौर भी मौके पर पहुंचे थे लेकिन मामला जम नहीं पाया कुछ खराबी दिखने लगी और सुधार की हिदायत दे दी गई।
आपको बता दें कि नगर पालिक परिषद चांपा में इन दिनों निकाय चुनाव के पहले और चुनाव के बाद लगातार काम जारी है। करना भी चाहिए नगर पालिका परिषद को मिलने वाली निधि और उसको खर्च भी तो करना है। वही क्वालिटी की बात करें तो भगवान भरोसे यह मामला चल रहा है। नगर की सड़कों को चमचमाती बनाने की कवायद बदस्तूर जारी है। ये कहा जा सकता है कि खराब चेहरों पर चमचमाने वाली क्रीम का उपयोग लगातार जारी है लेकिन कंपनी वाली क्रीम का उपयोग हो रहा या बिना कंपनी वाली ये तो भगवान भरोसे है। वहीं इंजीनियर भी ऐसे है जिन्हें अपने कमीशन की ललक खानापूर्ति तक खींच लाती है। नगर की सड़कों में डामरीकरण तो किया जा रहा है जो गुणवत्ताहीन नजर आ रही है। वहीं आधे अधूरे कार्य कर काम बंद कर दिया गया है। रोड तो बनाया गया है लेकिन कहीं ऊपर तो कहीं नीचे? नगर पालिका परिषद के द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों को लेकर काफी सवाल खड़े हो रहे है। जिसका उत्तर देने नगर पालिका परिषद के जवाबदार अधिकारी इधर उधर बगलें झांक रहे है। हालांकि निर्माण कार्य की देखरेख इंजीनियर के द्वारा की जाती है। लेकिन नगर पालिक परिषद चांपा के सभी इंजीनियर सिर्फ खानापूर्ति करने आते है। उन्हें आम जनता से मिले टैक्स के रूपयों की बरबादी देखने में बड़ा ही आनंद आता है। नगर की जनता ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक अपनी बात पहुंचाने मन बना लिया है। अब देखना यह है कि नगर पालिक परिषद चांपा के अधिकारी इस मामले पर किस प्रकार प्रतिक्रिया देते है। क्या नगर की जनता निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर अपनी शिकायतें भेजेंगे? फिलहाल निर्माण कार्य और गुणवत्ता नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है।