छत्तीसगढबकाया मजदूरी का 10 दिवस में भुगतान सुनिश्चित करें: डॉ अलंग, गत...

बकाया मजदूरी का 10 दिवस में भुगतान सुनिश्चित करें: डॉ अलंग, गत वर्ष लगाये गये पौधों का सत्यापन कर दें रिपोर्ट, कमिश्नर ने की वन एवं ग्रामीण विकास के काम-काज की समीक्षा

बिलासपुर। कमिश्नर डॉ. संजय अलंग ने कहा है कि सरकारी काम के एवज में दिये जाने वाले सभी प्रकार की बकाया मजदूरी का भुगतान अगले 10 दिवस के भीतर हो जाने चाहिए। डॉ. अलंग आज अधिकारियों की बैठक लेकर वन एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य वन संरक्षक आर.के.चंदेल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

डॉ. अलंग ने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत पिछले साल लगाये गये पौधों की सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है। उन्होंने कहा कि वन अधिकारी यह प्रयास करें कि ज्यादा से ज्यादा पौधे जीवित रह सकें। राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में किसानों को हरसंभव मदद एवं मार्गदर्शन दिया जाये। वन संरक्षक ने बताया कि संभाग के अंतर्गत शामिल जिलों में 80 हजार 669 पौधे योजना के अंतर्गत लगाये गये हैं। नरवा विकास के अंतर्गत वन विभाग द्वारा 183 नालों का उपचार किया गया है, जिसके बेहतर परिणाम आये हैं। कमिश्नर ने वन विभाग द्वारा आवर्ती चराई योजना के अंतर्गत कामों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। वन संरक्षक ने बताया कि आने वाले बारिश के सीजन में संभाग में 19 लाख से ज्यादा पौधे लगाने की कार्य-योजना तैयार की गई है। बड़े आकार के पौधे लगाये जाएंगे, जिससे जिंदा रहने की संभावना ज्यादा रहे। डॉ. अलंग ने कहा कि लोगों की जेब में पैसा जाये और उनकी आमदनी बढ़े, इसलिए राजीव गांधी गोधन न्याय योजना संचालित की जा रही है। समीक्षा के दौरान कमिश्नर ने कोरबा जिले में आजीविका के रूप में कोसा के काम में प्रगति की सराहना की। कोसा धागा बेचकर समूहों द्वारा काफी आमदनी अर्जित की जा रही है। संभाग के अंतर्गत रायगढ़ एवं जांजगीर की महिला स्व सहायता समूहों को गोठान में वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य गतिविधियों से लगभग साढ़े 3 हजार से ज्यादा आमदनी प्रति महिला हो रही है। उन्होंने अन्य जिलों के अधिकारियों को इन सफल जिलों की रणनीति अपनाने पर जोर दिया।

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बिलासपुर। कमिश्नर डॉ. संजय अलंग ने कहा है कि सरकारी काम के एवज में दिये जाने वाले सभी प्रकार की बकाया मजदूरी का भुगतान अगले 10 दिवस के भीतर हो जाने चाहिए। डॉ. अलंग आज अधिकारियों की बैठक लेकर वन एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य वन संरक्षक आर.के.चंदेल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। डॉ. अलंग ने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत पिछले साल लगाये गये पौधों की सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है। उन्होंने कहा कि वन अधिकारी यह प्रयास करें कि ज्यादा से ज्यादा पौधे जीवित रह सकें। राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में किसानों को हरसंभव मदद एवं मार्गदर्शन दिया जाये। वन संरक्षक ने बताया कि संभाग के अंतर्गत शामिल जिलों में 80 हजार 669 पौधे योजना के अंतर्गत लगाये गये हैं। नरवा विकास के अंतर्गत वन विभाग द्वारा 183 नालों का उपचार किया गया है, जिसके बेहतर परिणाम आये हैं। कमिश्नर ने वन विभाग द्वारा आवर्ती चराई योजना के अंतर्गत कामों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की। वन संरक्षक ने बताया कि आने वाले बारिश के सीजन में संभाग में 19 लाख से ज्यादा पौधे लगाने की कार्य-योजना तैयार की गई है। बड़े आकार के पौधे लगाये जाएंगे, जिससे जिंदा रहने की संभावना ज्यादा रहे। डॉ. अलंग ने कहा कि लोगों की जेब में पैसा जाये और उनकी आमदनी बढ़े, इसलिए राजीव गांधी गोधन न्याय योजना संचालित की जा रही है। समीक्षा के दौरान कमिश्नर ने कोरबा जिले में आजीविका के रूप में कोसा के काम में प्रगति की सराहना की। कोसा धागा बेचकर समूहों द्वारा काफी आमदनी अर्जित की जा रही है। संभाग के अंतर्गत रायगढ़ एवं जांजगीर की महिला स्व सहायता समूहों को गोठान में वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य गतिविधियों से लगभग साढ़े 3 हजार से ज्यादा आमदनी प्रति महिला हो रही है। उन्होंने अन्य जिलों के अधिकारियों को इन सफल जिलों की रणनीति अपनाने पर जोर दिया।
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