छत्तीसगढमहीनो से चल रहे वंदना हॉस्पिटल के विवाद का हो रहा पटाक्षेप,...

महीनो से चल रहे वंदना हॉस्पिटल के विवाद का हो रहा पटाक्षेप, एक महीने के भीतर होगा लाइसेंस निरस्त, कलेक्टर ने दिया आदेश

बिलासपुर – वंदना अस्पताल की जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग होम एक्ट की टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली थी।जिसपर कार्यवाही करते हुए, कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने हॉस्पिटल को एक माह का नोटिस भेजते हुए,अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने का आदेश स्वास्थ्य विभाग को दिया है।स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग होम एक्ट की टीम वंदना हॉस्पिटल में जांच के लिए पहुंची थी,इस दौरान उन्हें वहां कई खामियां मिली,जो नर्सिंग होम एक्ट के मापदंड के विपरीत थी।मुख्यतः स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 16 बेड के आई सी यू में एक दन्त चिकित्सक मरीजों का इलाज करते पाए गए।वही अस्पताल में फिजियोथेरेपी डॉक्टर गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे जो कि नियमों के खिलाफ है।इसके अलावा यहां ना तो एमडी मेडिसिन डॉक्टर है और ना ही फायर सेफ्टी का कोई मापदंड पूरा किया गया है।इसके अलावा मुख्य गेट में ताला जड़ा हुआ था।फायर इक्यूपमेंट भी एक्सपायर हो गए थे।स्टाफ की कमी,बिजली विभाग के नोटिस का भी जिक्र स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट में किया था।

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बिलासपुर – वंदना अस्पताल की जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग होम एक्ट की टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली थी।जिसपर कार्यवाही करते हुए, कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने हॉस्पिटल को एक माह का नोटिस भेजते हुए,अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने का आदेश स्वास्थ्य विभाग को दिया है।स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग होम एक्ट की टीम वंदना हॉस्पिटल में जांच के लिए पहुंची थी,इस दौरान उन्हें वहां कई खामियां मिली,जो नर्सिंग होम एक्ट के मापदंड के विपरीत थी।मुख्यतः स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 16 बेड के आई सी यू में एक दन्त चिकित्सक मरीजों का इलाज करते पाए गए।वही अस्पताल में फिजियोथेरेपी डॉक्टर गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे जो कि नियमों के खिलाफ है।इसके अलावा यहां ना तो एमडी मेडिसिन डॉक्टर है और ना ही फायर सेफ्टी का कोई मापदंड पूरा किया गया है।इसके अलावा मुख्य गेट में ताला जड़ा हुआ था।फायर इक्यूपमेंट भी एक्सपायर हो गए थे।स्टाफ की कमी,बिजली विभाग के नोटिस का भी जिक्र स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रिपोर्ट में किया था।
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