चांपा। जिले में कई ऐसे कम्प्यूटर संस्थान संचालित है। जो गरीब बच्चों को पढ़ाने के नाम पर महज छलावा करते नजर आ रहे हैं। कम्प्यूटर सेंटर के संचालक जिन कोर्स को लेकर पढ़ाने का दावा करते है कोर्स के कुछेक अध्याय को पढ़ाकर छात्रों को प्रमाण पत्र बांट दे रहे हैं। कम्प्यूटर सेंटर में तरह तरह के स्कीम लांच कर छात्रों को धोखा दिया जा रहा है। कम्प्यूटर संचालकों द्वारा छात्रों को भ्रमित कर कई उन्हें फीस में छूट देने के लिए कई परीक्षाओं का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमे छात्रों के प्रतिशत के आधार पर उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ देने बात कहते हुए उनसे छात्रवृत्ति की राशि स्वयं रखने और अंतर की राशि किश्तोे में देने नया नियम बनाकर छात्रों को पढ़ाया जा रहा है।
जांजगीर चांपा जिले के कोर्स स्ववायर नामक संस्थान मे भी कुुछ ऐसी ही बाते सामने आ रही है। लेकिन जब जानकारी के लिए संस्थान के संचालकों से इंटरनेट पर दिए गए नंबर से संपर्क किया गया तो उन्होंने अपने कार्यालय आकर मिलने और अपने संचालकों से समय लेकर मिलने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया। तकरीबन 3 माह बीत जाने के बाद भी ना ही उन्होंने संपर्क कर जानकारी दी और ना ही मिलने का समय बताया। कोर्स स्क्वायक नामक संस्थान का इंटरनेट पर एक ऐसा पेज बना हुआ है जिसमें शासन के नियमानुसार सभी दस्तावेज अपलोड कर संचालित करने की बात सामने आ रही है लेकिन छात्रों से स्काॅलरशिप लेकर किस प्रकार कम्प्यूटर की पढ़ाई कराई जा रही है, यह सोच का विषय है। फिलहाल जिले में कम्प्यूटर सेंटर का ऐसा जाल फैला हुआ है जहां छात्रों को कई प्रकार का लाभ देने का हवाला देकर उन्हें मिलने वाली छात्रवृत्ति को अपने नाम कर लिया जा रहा है। बहरहाल जिले के उच्च अधिकारियों को ऐसे कम्प्यूटर सेंटर संचालकों के दस्तावेजों की जांच कर उचित कार्रवाई कर गरीब बच्चों को उनका हक दिलाना चाहिए।
क्या छात्रवृत्ति अपने पास रख करवा सकते हैं पढ़ाई…
शासकीय नियमों को दरकिनार कर और सुविधा देने के नाम पर कई कम्प्यूटर सेंटर संचालक छात्रवृृत्ति की
राशि हड़प जा रहे है। जिनकी जानकारी शासन को मुहैया कराना तो दूर गरीब वर्ग के लोगों को भी देना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कोर्स स्क्वायर कम्प्यूटर सेंटर में भी कुछ इसी तरह का कारनामा अंजाम दिया जा रहा है। फिलहाल कम्प्यूटर सेंटर के संचालकों से संपर्क साधा गया लेकिन उनकी ओर से कोई उचित जवाब नहीं मिल पाया है। अब देखना यह है कि जिले के अधिकारी इस मामले में संज्ञान लेते हैं या फिर यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा।