छत्तीसगढसिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर में नवरात्र महापर्व, 2 अप्रैल को घटस्थापना…सप्तमी...

सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर में नवरात्र महापर्व, 2 अप्रैल को घटस्थापना…सप्तमी रात को होगी जबरदस्त पदयात्रा 50,000 से अधिक लोग होंगे शामिल..तैयारियों में जुटा मंदिर प्रशासन..!

बिलासपुर – कोविड-19 संक्रमण के डरावने बादल समाप्त होने के पश्चात, 2 साल बाद सिद्ध शक्ति पीठ महामाया देवी मंदिर रतनपुर में इस साल धूमधाम और जोशो खरोश के साथ पारंपरिक वासंती (चैत्र) नवरात्र महापर्व मनाने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। महामाया मंदिर ट्रस्ट समिति ने ज्योति कलश कक्ष की व्यवस्था समेत तमाम इंतजामों को अंतिम रूप दे दिया है। मंदिर समिति के मैनेजिंग ट्रस्टी सुनील सोंथालिया से मिली जानकारी के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्र पर्व शनिवार 2 अप्रैल से शुरू होकर 10 अप्रैल तक चलेगा। 2 अप्रैल शनिवार को घट स्थापना के साथ ही मां महामाया की पारंपरिक नवरात्र पूजा आराधना शास्त्र सम्मत ढंग से शुरू हो जाएगी। और इसके साथ ही मंदिर परिसर मैं बने ज्योति कलश कक्ष में घी और तेल के 18,000 से अधिक अखण्ड मनोकामना ज्योति कलश भी प्रज्ज्वलित हो जाएंगे। जन सामान्य और मां महामाया के श्रद्धालु के लिए सर्वाधिक खुशी की बात यह है कि लगातार 2 साल तक कोविड-19 के जानलेवा संक्रमण के पूरी तरह खत्म होने के बाद इस बार महामाया मंदिर में नवरात्र महापर्व पूरे जोशो खरोश और जनभागिता के साथ मनाया जाएगा।

इसी तरह मां महामाया के श्रद्धालुओं और दीवानों के लिए यह और भी अधिक खुशी और प्रसन्नता का विषय है कि कोविड-19 के कारण लगातार 2 साल तक नवरात्र पर्व पर बंद रही “महामाया पदयात्रा” इस साल दुगने जोश खरोश के साथ फिर से शुरू होगी। महामाया पदयात्रा हर वर्ष साते रात को आयोजित की जाती रही है। इस बार यह पदयात्रा 8 अप्रैल की शाम को होगी‌ जिसमें अनुमानित है कि 50,000 से भी अधिक श्रद्धालु बिलासपुर से रतनपुर तक पैदल जाकर मां महामाया के दरबार में मत्था टेकेंगे।

 

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बिलासपुर – कोविड-19 संक्रमण के डरावने बादल समाप्त होने के पश्चात, 2 साल बाद सिद्ध शक्ति पीठ महामाया देवी मंदिर रतनपुर में इस साल धूमधाम और जोशो खरोश के साथ पारंपरिक वासंती (चैत्र) नवरात्र महापर्व मनाने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। महामाया मंदिर ट्रस्ट समिति ने ज्योति कलश कक्ष की व्यवस्था समेत तमाम इंतजामों को अंतिम रूप दे दिया है। मंदिर समिति के मैनेजिंग ट्रस्टी सुनील सोंथालिया से मिली जानकारी के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्र पर्व शनिवार 2 अप्रैल से शुरू होकर 10 अप्रैल तक चलेगा। 2 अप्रैल शनिवार को घट स्थापना के साथ ही मां महामाया की पारंपरिक नवरात्र पूजा आराधना शास्त्र सम्मत ढंग से शुरू हो जाएगी। और इसके साथ ही मंदिर परिसर मैं बने ज्योति कलश कक्ष में घी और तेल के 18,000 से अधिक अखण्ड मनोकामना ज्योति कलश भी प्रज्ज्वलित हो जाएंगे। जन सामान्य और मां महामाया के श्रद्धालु के लिए सर्वाधिक खुशी की बात यह है कि लगातार 2 साल तक कोविड-19 के जानलेवा संक्रमण के पूरी तरह खत्म होने के बाद इस बार महामाया मंदिर में नवरात्र महापर्व पूरे जोशो खरोश और जनभागिता के साथ मनाया जाएगा। इसी तरह मां महामाया के श्रद्धालुओं और दीवानों के लिए यह और भी अधिक खुशी और प्रसन्नता का विषय है कि कोविड-19 के कारण लगातार 2 साल तक नवरात्र पर्व पर बंद रही “महामाया पदयात्रा” इस साल दुगने जोश खरोश के साथ फिर से शुरू होगी। महामाया पदयात्रा हर वर्ष साते रात को आयोजित की जाती रही है। इस बार यह पदयात्रा 8 अप्रैल की शाम को होगी‌ जिसमें अनुमानित है कि 50,000 से भी अधिक श्रद्धालु बिलासपुर से रतनपुर तक पैदल जाकर मां महामाया के दरबार में मत्था टेकेंगे।  
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