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कुनकुरी पर किला फतेह करने काँग्रेस के भीतर ही घमासान! हाई लेबल की सीट पर हाई लेबल की गुटबाजी? 10 साल पहले इसीलिए हार गई थी काँग्रेस, जानिए कुनकुरी काँग्रेस की सच्ची कहांनी

जशपुर। जिले के सबसे चर्चित और हॉट सीट कहे जाने वाले नगर पंचायत कुनकुरी में काँग्रेस का अध्यक्ष प्रत्याशी कौन होगा इसको लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। बताया जा रहा है कि आज देर रात या कल तक काँग्रेस निकाय के सभी प्रत्याशियों के नामो का एलान कर देगी। प्रत्याशियों को लेकर काँग्रेस के हाई लेबल नेताओं की बैठक हो चुकी लेकिन प्रत्याशियों पर मंथन अभी भी चल रहा है।

इस बीच खबर यह आ रही है कि टिकट की घोषणा से पहले कुनकुरी में काँग्रेस प्रत्याशी को लेकर पेंच फँस गयी है। अबतक यह कहा जा रहा था कि विनयशील के नाम पर सहमति बन चुकी है बस औपचारिक घोषणा बाकी है लेकिन अब खबर यह आ रही है कि काँग्रेस के एक खेमे की ओर से मुरारी गुप्ता को काँग्रेस की टिकट दिए जाने की जोरदार पैरवी की गई है। दरअसल मुरारी गुप्ता ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को आवेदन दिया था याने विनयशील और मुरारी गुप्ता दोनो ने यहाँ से अध्यक्ष पद की दावेदारी की है जाहिर है 2 लोगों का पैनल में दोनो का नाम गया और अब दोनो नामो पर मंथन शुरू है याने किसी भी नाम पर मूहर लग सकती है।

इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि 2015 कुनकुरी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था तब भी मुरारी गुप्ता ने काँग्रेस पार्टी से टिकट की मांग की थी लेकिन जब पार्टी ने किसी दूसरे को टिकट दे दिया तब उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन पर्चा भर दिया था तब भी काँग्रेस अध्यक्ष प्रत्याशी को लेकर 2 फाड़ हो गयी घी। काँग्रेस के एक बड़े खेमे ने मुरारी गुप्ता का समर्थन भी कर दिया लेकिन ऐन वक्त पर किसी तकनीकी चूक के चलते मुरारी गुप्ता का नामांकन रद्द हो गया। तब काफी बखेड़ा भी हुआ था लेकिन तकनीकी सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची और आखिरकार मुरारी गुप्ता चुनाव मैदान से बाहर कर दिए गए।

10 वर्षो बाद कुनकुरी निकाय सीट फिर से ओबीसी के लिए आरक्षित हुआ है और 10 साल पहले चुनाव मैदान से बाहर हुए मुरारी गुप्ता ने फिर से अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश की है यह बात अलग है कि काँग्रेस का वो खेमा जो 2015 में इनके समर्थन में खड़ा था वो खेमा आज मुरारी गुप्ता के साथ नहीं है। एक बात और, तब भी भाजपा के प्रत्याशी सुदबल राम यादव थे और आज भी भाजपा के प्रत्याशी सुदबल राम यादव हैं।

खैर, पार्टी के सूत्र बता रहे हैं कि काँग्रेस के सीनियर नेताओ का एक खेमें का मानना है कि मुरारी गुप्ता स्थानीय तौर पर एक जाना पहचाना चेहरा है इस लिहाज से उन्हें लगता है कि वो सुदबल राम को बेहतर टक्कर देते हुए कुछ अनोखा कर सकते हैं लेकिन काँग्रेस का एक बड़ा खेमा यह मानने को तैयार नहीं है वो विनयशील में काँग्रेस का भविष्य ढूंढ रहे हैं।

बहरहाल मंथन जारी है। देखना है आगे क्या होता है?

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जशपुर। जिले के सबसे चर्चित और हॉट सीट कहे जाने वाले नगर पंचायत कुनकुरी में काँग्रेस का अध्यक्ष प्रत्याशी कौन होगा इसको लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। बताया जा रहा है कि आज देर रात या कल तक काँग्रेस निकाय के सभी प्रत्याशियों के नामो का एलान कर देगी। प्रत्याशियों को लेकर काँग्रेस के हाई लेबल नेताओं की बैठक हो चुकी लेकिन प्रत्याशियों पर मंथन अभी भी चल रहा है। इस बीच खबर यह आ रही है कि टिकट की घोषणा से पहले कुनकुरी में काँग्रेस प्रत्याशी को लेकर पेंच फँस गयी है। अबतक यह कहा जा रहा था कि विनयशील के नाम पर सहमति बन चुकी है बस औपचारिक घोषणा बाकी है लेकिन अब खबर यह आ रही है कि काँग्रेस के एक खेमे की ओर से मुरारी गुप्ता को काँग्रेस की टिकट दिए जाने की जोरदार पैरवी की गई है। दरअसल मुरारी गुप्ता ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को आवेदन दिया था याने विनयशील और मुरारी गुप्ता दोनो ने यहाँ से अध्यक्ष पद की दावेदारी की है जाहिर है 2 लोगों का पैनल में दोनो का नाम गया और अब दोनो नामो पर मंथन शुरू है याने किसी भी नाम पर मूहर लग सकती है। इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि 2015 कुनकुरी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था तब भी मुरारी गुप्ता ने काँग्रेस पार्टी से टिकट की मांग की थी लेकिन जब पार्टी ने किसी दूसरे को टिकट दे दिया तब उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन पर्चा भर दिया था तब भी काँग्रेस अध्यक्ष प्रत्याशी को लेकर 2 फाड़ हो गयी घी। काँग्रेस के एक बड़े खेमे ने मुरारी गुप्ता का समर्थन भी कर दिया लेकिन ऐन वक्त पर किसी तकनीकी चूक के चलते मुरारी गुप्ता का नामांकन रद्द हो गया। तब काफी बखेड़ा भी हुआ था लेकिन तकनीकी सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची और आखिरकार मुरारी गुप्ता चुनाव मैदान से बाहर कर दिए गए। 10 वर्षो बाद कुनकुरी निकाय सीट फिर से ओबीसी के लिए आरक्षित हुआ है और 10 साल पहले चुनाव मैदान से बाहर हुए मुरारी गुप्ता ने फिर से अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश की है यह बात अलग है कि काँग्रेस का वो खेमा जो 2015 में इनके समर्थन में खड़ा था वो खेमा आज मुरारी गुप्ता के साथ नहीं है। एक बात और, तब भी भाजपा के प्रत्याशी सुदबल राम यादव थे और आज भी भाजपा के प्रत्याशी सुदबल राम यादव हैं। खैर, पार्टी के सूत्र बता रहे हैं कि काँग्रेस के सीनियर नेताओ का एक खेमें का मानना है कि मुरारी गुप्ता स्थानीय तौर पर एक जाना पहचाना चेहरा है इस लिहाज से उन्हें लगता है कि वो सुदबल राम को बेहतर टक्कर देते हुए कुछ अनोखा कर सकते हैं लेकिन काँग्रेस का एक बड़ा खेमा यह मानने को तैयार नहीं है वो विनयशील में काँग्रेस का भविष्य ढूंढ रहे हैं। बहरहाल मंथन जारी है। देखना है आगे क्या होता है?
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