बिलासपुर। वर्ष 2002 में बिलासपुर के सीपत स्थित एनटीपीसी सयंत्र में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई द्वारा राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड की नींव रखी गई थी जिसका उद्घाटन 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा किया गया था । आज एनटीपीसी देश के 7 राज्यों में बिजली आपूर्ति कर बिलासपुर का नाम लगातार रौशन कर रहा है । एनटीपीसी सीपत द्वारा किए जा रहे कार्यों पर चर्चा और उसके विश्लेषण के लिए आज एनटीपीसी सीपत में पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया गया, जहां जिले भर से पत्रकार एनटीपीसी पहुंचे हुए थे। एनटीपीसी द्वारा स्थानीय और सार्वजनिक क्षेत्रों में किए गए कार्यों और उस कार्यों के नतीजों पर एनटीपीसी के महाप्रबंधक घनश्याम प्रजापति ने पत्रकारों से खुलकर चर्चा की । इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि एनटीपीसी द्वारा अब तक 11 लाख वृक्षारोपण किया जा चुका है। इसके साथ ही राष्ट्रीय मानक के आधार पर एक यूनिट बिजली बनाने में खर्च होने वाले पानी से 20% कम पानी का इस्तेमाल कर बिजली का निर्माण करने पर एनटीपीसी को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जा चुका है। इसके अलावा एनटीपीसी द्वारा बनाए गए बिजली का 16% छत्तीसगढ़, 16% मध्य प्रदेश समेत 28% महाराष्ट्र, 27% गुजरात, 3% दमन दीप गोवा समेत 20% बिजली सेंट्रल पूल को दिया जाता है । एनटीपीसी के महाप्रबंधक ने बताया कि कोरोना काल के दौरान भले ही कोयले की संकट से जूझना पड़ा हो लेकिन इस समय कोयले का भंडार भरपूर मात्रा में एनटीपीसी के पास है और 13 दिन का कोयला एनटीपीसी के पास संरक्षित है। रोजाना खपत के अनुपात में कोयला एनटीपीसी को मिल रहा है। एनटीपीसी द्वारा जनहित के कार्यों में भी लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है । एनटीपीसी से निकलने वाले राख के प्रबंधन पर भी अधिकारियों द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है और एन एच आई समेत कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों में एनटीपीसी से निकलने वाला फ्लाई ऐश का उपयोग हो रहा है ।