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स्पर्श क्लिनिक में मनोरोगियों के निःशुल्क काउन्सलिंग व उपचार की सुविधा शुरू, जिला अस्पताल में मिलेगी सुविधा

रायपुर। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में स्थापित स्पर्श क्लिनिक में मानसिक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों को काउन्सलिंग और उपचार की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इन क्लिनिकों की ओपीडी में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक एक लाख 14 हजार 458 पंजीयन हुए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्पर्श क्लिनिकों की ओपीडी में इलाज के लिए 85 हजार 292 पंजीयन हुए थे। साथ ही ‘चैम्प प्रोजेक्ट (CHaMP Project)’ के तहत 41 हजार 785 मरीजों की पहचान कर उनका निःशुल्क उपचार किया गया है।

मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया की प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित उपचार की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है। मानसिक स्वास्थ्यगत परेशानियों से जूझ रहे लोगों की काउंसलिंग तथा उन्हें मनोचिकित्सकीय उपचार उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी जिलों के चिकित्सा अधिकारियों, ग्रामीण चिकित्सा सहायकों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHO) को बेंगलुरु स्थित निम्हांस के सहयोग से प्रशिक्षण दिया गया है। राज्य स्तरीय नवाचार ‘चैम्प प्रोजेक्ट’ के माध्यम से प्रदेश भर में 41 हजार 785 मरीजों की पहचान कर निःशुल्क उपचार प्रदान किया गया है। प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारियों और ग्रामीण चिकित्सा सहायकों की सहायता से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से प्रभावित हज़ारों लोगों की काउन्सलिंग की गई है।

डॉ. सिंह ने बताया कि कोरोना काल में राज्य में कोविड केयर सेंटर के अंतर्गत 28 हजार से अधिक व कोविड होम आइसोलेटेड 69 हजार से अधिक मरीजों की काउंसलिंग की गई। बिलासपुर जिले के सेंदरी स्थित 200 बिस्तरों वाले राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय में मनोरोगियों के संपूर्ण इलाज की व्यवस्था है। मानसिक स्वास्थ्य एवं इससे जुड़ी बीमारियों के बारे में जानकारी स्वास्थ्य विभाग के टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 104 से प्राप्त की जा सकती है। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया संस्था द्वारा कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने के लिए ‘एक्सीलेंस इन मेन्टल हेल्थ’ अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

स्वस्थ जीवन के लिए मानसिक रूप से भी सेहतमंद रहना जरूरी है। जिस तरह शारीरिक रोग हमारे लिये हानिकारक हो सकते हैं उसी तरह मानसिक रोग भी हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। पिछले कुछ सालों में मनोरोगियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। चिड़चिड़ापन, तनाव, चिंता, भय, अपर्याप्त निद्रा, निराश व अशांत मन तथा हमेशा असहाय महसूस करने की प्रवृत्ति मानसिक परेशानियों के लक्षण हैं। इन लक्षणों की समय पर पहचान और इलाज जरूरी है। इसके लिए मनोचिकित्सकों और काउंसलरों की मदद लिया जाना चाहिए।

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रायपुर। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में स्थापित स्पर्श क्लिनिक में मानसिक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों को काउन्सलिंग और उपचार की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इन क्लिनिकों की ओपीडी में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक एक लाख 14 हजार 458 पंजीयन हुए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्पर्श क्लिनिकों की ओपीडी में इलाज के लिए 85 हजार 292 पंजीयन हुए थे। साथ ही ‘चैम्प प्रोजेक्ट (CHaMP Project)’ के तहत 41 हजार 785 मरीजों की पहचान कर उनका निःशुल्क उपचार किया गया है। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया की प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित उपचार की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध है। मानसिक स्वास्थ्यगत परेशानियों से जूझ रहे लोगों की काउंसलिंग तथा उन्हें मनोचिकित्सकीय उपचार उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी जिलों के चिकित्सा अधिकारियों, ग्रामीण चिकित्सा सहायकों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHO) को बेंगलुरु स्थित निम्हांस के सहयोग से प्रशिक्षण दिया गया है। राज्य स्तरीय नवाचार ‘चैम्प प्रोजेक्ट’ के माध्यम से प्रदेश भर में 41 हजार 785 मरीजों की पहचान कर निःशुल्क उपचार प्रदान किया गया है। प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारियों और ग्रामीण चिकित्सा सहायकों की सहायता से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से प्रभावित हज़ारों लोगों की काउन्सलिंग की गई है। डॉ. सिंह ने बताया कि कोरोना काल में राज्य में कोविड केयर सेंटर के अंतर्गत 28 हजार से अधिक व कोविड होम आइसोलेटेड 69 हजार से अधिक मरीजों की काउंसलिंग की गई। बिलासपुर जिले के सेंदरी स्थित 200 बिस्तरों वाले राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय में मनोरोगियों के संपूर्ण इलाज की व्यवस्था है। मानसिक स्वास्थ्य एवं इससे जुड़ी बीमारियों के बारे में जानकारी स्वास्थ्य विभाग के टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 104 से प्राप्त की जा सकती है। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया संस्था द्वारा कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने के लिए ‘एक्सीलेंस इन मेन्टल हेल्थ’ अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। स्वस्थ जीवन के लिए मानसिक रूप से भी सेहतमंद रहना जरूरी है। जिस तरह शारीरिक रोग हमारे लिये हानिकारक हो सकते हैं उसी तरह मानसिक रोग भी हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। पिछले कुछ सालों में मनोरोगियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। चिड़चिड़ापन, तनाव, चिंता, भय, अपर्याप्त निद्रा, निराश व अशांत मन तथा हमेशा असहाय महसूस करने की प्रवृत्ति मानसिक परेशानियों के लक्षण हैं। इन लक्षणों की समय पर पहचान और इलाज जरूरी है। इसके लिए मनोचिकित्सकों और काउंसलरों की मदद लिया जाना चाहिए।
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