बिहान खबर बिलासपुर। कोयले के अवैध कारोबारियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गया है। यहां रतनपुर से लेकर हिर्री तक तकरीबन सौ कोल डिपो हैं, जहां SECL के खदानों से निकलने वाले कोयले में मिलावट करने का खेल किया जाता है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन साल से खनिज और पुलिस अफसरों ने कोयले के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने कोई रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में राजनीतिक संरक्षण में पुलिस अफसरों की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार संचालित हो रहा है। बुधवार रात रतनपुर इलाके के एक बड़े कोल डिपो में पकड़ी गई कोयला चोरी से यह पूरा काला कारोबार सामने आ गया है।
कोरबा के दीपका, कुसमुंडा के साथ ही रायगढ़ जिले के छाल सहित प्रदेश की खदानों से निकलने वाले कोयले का परिवहन देश और प्रदेश की फैक्ट्रियों के लिए किया जाता है। इसके लिए बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाइवे ही एकमात्र रूट है। रोज हजारों ट्रकों से यहां से कोयला भेजा जाता है। SECL से कोयला सप्लाई करने के लिए कोल डिपो संचालक, उद्योगों से अनुबंध कर लेते हैं। कोलवाशरियों के लिए भी खदान से कोयले की सप्लाई की जाती है। कोल डिपो संचालक और उनके कर्मचारी खदान से निकलने वाले स्टीम कोयले में घटिया कोयला, पत्थर-मिट्टी मिलावट कर कोयले की अफरा-तफरी करते हैं। इससे उन्हें सीधे तौर पर डबल फायदा होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि, मिलावट करने के बाद कोयले की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसा काम करने के लिए हाइवे किनारे, उससे लगे रास्तों में अंदर, ढाबों के पीछे कोयला चोरी करने वाले संबंधित थानों की पुलिस, स्थानीय नेताओं के संरक्षण में कांटा लगाते हैं। यहां अच्छा कोयला निकालकर उसमें मिलावट की जाती है। फिर अच्छा कोयला अवैध रूप से बेचा जाता है।
ट्रक-ट्रेलर चालक और ट्रांसपोर्टर भी शामिल
कोयले की मिलावट के इस खेल में ट्रेलर और ट्रक चालकों की मिलीभगत रहती है। उन्हें रुपयों का लालच देकर डिपो संचालक कोलवाशरी या दूसरी फैक्ट्रियों में जाने वाले कोयले को डिपो में रोक लेते हैं। स्टीम कोयला निकालकर ट्रक-ट्रेलर में मिलावटी कोयला लोड कर दिया जाता है। इस अवैध कारोबार में डिपो संचालक और उनके कर्मचारी या तो ट्रक-ट्रेलर चालक से मिलकर अवैध कारोबार करते हैं। या फिर ट्रांसपोर्टर से ही मिलीभगत कर लेते हैं।
पुलिस नहीं करती कार्रवाई, इसलिए मैनेजर को दी गई है जिम्मेदारी
कोलवाशरी प्रबंधन के साथ ही अन्य फैक्ट्री प्रबंधन कोयले में मिलावट करने के इस अवैध कारोबार से त्रस्त हो चुके हैं। यही वजह है कि अपनी कंपनी के ट्रक-ट्रेलर पर नजर रखने के लिए उन्होंने मैनेजर के साथ ही विजिलेंस टीम बना ली है। जो खदान से कोयला लेकर निकलने वाली ट्रकों के चालकों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं।
मैनेजर ने दर्ज कराई रिपोर्ट
बीते मंगलवार की रात घुटकू स्थित पारस पावर कोल एंड बेनिफिकेशन कंपनी के मैनेजर ने ट्रेलर चालकों को रतनपुर के जगदंबा कोल डिपो में कोयला खपाते रंगे हाथों पकड़ा है। पुलिस ने डिपो संचालक रवि शुक्ला सहित दोनों ट्रेलर ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। बीते 22 मार्च को खदान से कंपनी का दो ट्रेलर कोयला लेकर प्लांट की ओर रवाना हुआ था। ड्राइवर पवन कुमार जायसवाल व धीरज कुमार कुशवाहा गाड़ी को चला रहे थे। रात करीब 1 बजे कंपनी की पेट्रोलिंग पार्टी में तैनात विकास शर्मा ने मैनेजर श्याम किशोर सिंह (38)को फोन कर बताया कि दोनों गाड़ियां रतनपुर के जगदंबा कोल डिपो में घुसी है। इसमें मिक्सिंग कर कोयला चोरी किया जा रहा है। रात करीब दो बजे जगदंबा कोल डिपो के भीतर कंपनी की दोनों गाड़ियां खड़ी मिली। डिपो में मौजूद रवि शुक्ला ने गेट खोला। तब मैनेजर ने अपनी कंपनी की दोनों ट्रेलरों की जानकारी ली। मैनेजर की रिपोर्ट पर पुलिस ने जगदंबा कोल डिपो रतनपुर के संचालक व सहित ड्राइवर पवन कुमार जायसवाल व धीरज कुमार कुशवाहा के खिलाफ धारा 407,411 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
फिल कंपनी ने भी संचालक व ड्राइवर के खिलाफ दर्ज कराया केस
कोयला चोरी के मामले में फिल कंपनी दीपका के ब्रांच मैनेजर संतोष सिंह पिता राजेंद्र सिंह (40) ने भी एक एफआईआर रतनपुर थाने में जगदंबा कोल डिपो के संचालक व ड्राइवर के खिलाफ दर्ज कराई है। 22 मार्च की रात मैनेजर ने कोयला से भरे ट्रेलर को डीओ नंबर 8173 से दीपका खदान से बिलासपुर भेजा था। कोयला की लिफ्टिंग के लिए फिल कंपनी ने अमन बाजवा को नियुक्त किया है। उन्होंने गाड़ी लोड कराई थी। इसे घुटकू फिल कोलवासरी के लिए ड्राइवर इन्तसार लेकर रवाना हुआ था। गाड़ी खदान से रात 8.38 बजे निकली। बुधवार 23 मार्च की रात करीब 1 बजे उनकी कंपनी की पेटोलिंग स्टाफ विकास शर्मा रतनपुर के जगदंबा कोल डिपो गए तो वहां उनकी कंपनी की डीओ में लगी गाड़ी खड़ी थी और भीतर कोयले की चोरी की जा रही थी। ड्राइवर इन्तसार भाग निकला। सूचना मिली तो वे सुबह 6.30 बजे जगदंबा प्लांट गए तो रवि शुक्ला मिला। ड्राइवर इन्तसार व जगदंबा कोल डिपो के संचालक व अन्य मिलकर कंपनी की गाड़ी से कोयला चोरी कर मिक्सिंग कर रहे थे। पुलिस ने कोल डिपो संचालक व ड्राइवर के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है।
SP बोलीं- सीधे तौर पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती पुलिस
डिपो में कोयलों की अफरातफरी को लेकर SP पारुल माथुर का कहना है कि कोल डिपो में पुलिस सीधे तौर पर छापामारी नहीं कर सकती। क्योंकि, राज्य शासन ने नया नियम बनाया है। इसके तहत राजस्व, माइनिंग और पुलिस की संयुक्त टीम ही कोल डिपो में रेड की कार्रवाई कर सकती है। पुलिस सीधे तौर पर छापेमारी करती है, तो कोयला कारोबारी पुलिस की ओर से परेशान करने का आरोप लगाते हैं। ऐसे में कोई शिकायत मिलती है, तभी पुलिस कार्रवाई करती है।