अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने कार्यकाल अंतिम दिनों में भारत के लिए मेहरबान हुए है. बाइडन ने दोनों देशों के रिश्ते को गहरा करने दो अहम फैसले लिए है. इन फैसलो से दोनों देशों के बीच तकनीकी और सुरक्षा को नई उंचाईयां मिलेगी. जो बाइडन ने भारत पर लगे 20 साल पुराने प्रतिबंध को खत्म कर दिया है. उन्होंने भारत के कुछ परमाणु अनुसंधान केंद्रो को एंटिटी लिस्ट से बाहर कर दिया है. इसके अलावा अमेरिका ने भारत को एडवांस AI चिप्स फायदा उठाने बिना किसी हस्तक्षेप के अनुमति दी है.
अमेरिका ने 20 साल पहले भारत के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR), और इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (IREL) प्रतिबंध लगाते हुए नियंत्रण कानून के तहत अमेरिकी उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) ने एंटिटी लिस्ट में रखा था. अब इन संस्थानों काे अमेरिका ने नियंत्रण कानून से बाहर कर दिया है. अब ये संस्थान तकनीक और उपकरणों का उपयोग बिना किसी प्रतिबंध के कर सकेंगे.
दरअसल एंटिटी लिस्ट के तहत अमेरिका अपने राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति के लिए खतरा बन रहे संगठनों पर व्यापारिक प्रतिबंध लगा देता है. अमेरिका ने जहां भारतीय संगठनों को इससे मुक्त किया है वहीं अब अमेरिका की नजर चीन पर है. चीन के 11 संगठनों को अमेरिका ने अपने ‘एंटिटी लिस्ट’ में शामिल किया है.
AI चिप्स का उपयोग करने मिली अनुमति
बाइडन ने भारत को दूसरे उपहार के रूप में एडवांस AI चिप्स फायदा उठाने अनुमति दे दी है. भारत अब उन 18 देशों की लिस्ट में शामिल हो गया जिसे यह विशेष तकनीकी सुविधाएं मिलती है.
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर बनी थी सहमति
बीतें दिनों भारत दौरे पर आए अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले दौरे के वक्त NSA अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मीटिंग में इस बैन को हटाने चर्चा की गई थी. अमेरिकी NSA ने बताया कि अमेरिका ने लगभग 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग के एक परियोजना पर काम करना शुरू किया था, लेकिन इसे पूरी तरह साकार करने का समय अब आया है.