डोंगरगढ़,
राजनांदगांव पुलिस ने सहकारिता विभाग में क्लर्क की नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने एक बुजुर्ग को उसके बेटे की सरकारी नौकरी दिलाने के बहाने उसके जीवन भर की कमाई लूट ली।
राजनांदगांव के तुलसीपुर इलाके में रहने वाले (उम्र 59 साल) कमरूल हसन के पास बीते 22 जून 2024 को मोहसीन खान और वसीम अहमद नामक दो लोग पहुंचे। उन्होंने बड़े ही विश्वासभरे लहजे में कमरूल को बताया कि उनके बेटे को सहकारिता विभाग, मानपुर-मोहला में क्लर्क और चपरासी की नौकरी मिल सकती है। इतना ही नहीं, उनकी बेटी तसलीम को मनरेगा विभाग में नौकरी दिलाने का भी वादा किया। कमरूल, जो अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के सपने देख रहे थे, इन वादों पर भरोसा कर बैठे। लेकिन, इस सपने की कीमत चार लाख रुपये थी। मोहसीन और वसीम ने यह रकम तुरंत मांगी और कहा कि यह “फॉर्मेलिटी” पूरी करने के लिए जरूरी है। कमरूल ने जैसे-तैसे यह रकम जुटाई और उन्हें दे दी। इसके बदले में उन्होंने कुछ कागजात पकड़ा दिए, जिन्हें “नियुक्ति पत्र” बताया गया।
कुछ दिनों बाद जब कमरूल के बेटे ने नौकरी जॉइन करने की कोशिश की, तो सच्चाई सामने आई। वह नियुक्ति पत्र फर्जी था। उनके सपने टूट चुके थे, लेकिन कमरूल ने हार नहीं मानी। उन्होंने सीधे पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई। शिकायत के बाद सिटी कोतवाली पुलिस हरकत में आई। आरोपियों को पकड़ने की जिम्मेदारी ली। एक टीम बनाई गई, और मुखबिरों को अलर्ट कर दिया गया।
पुलिस ने घेराबंदी कर किया गिरफ्तार
14 जनवरी 2025 को पुलिस को सूचना मिली कि दोनों आरोपी अपने-अपने घरों में मौजूद हैं। तुरंत घेराबंदी की गई। पहले आरोपी मोहसीन खान को छुरिया में उसके घर से पकड़ा गया। फिर वसीम अहमद को डोंगरगांव में गायत्री मंदिर के पास उसके निवास से गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उन्होंने बताया कि यह उनका “साइड बिजनेस” था और अब तक कई लोगों को ऐसे फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठग चुके थे।
यह कहानी सिर्फ कमरूल हसन की नहीं, बल्कि उन तमाम लोगों की है, जो नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार होते हैं। राजनांदगांव पुलिस ने अपनी सतर्कता से यह साबित कर दिया कि ऐसे ठग चाहे जितने भी शातिर क्यों न हों, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते। तो, अगली बार जब कोई आपको आसान और त्वरित नौकरी का वादा करे, तो सतर्क रहें और जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद जरूर लें।