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चुनाव में OBC आरक्षण का मुद्दा : तीन मंत्रियों के साथ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की बड़ी प्रेसवार्ता, बताया क्यों नहीं मिल पाया जिला पंचायतों में अध्यक्ष पद पर ओबीसी आरक्षण?

रायपुर,

नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने उप मुख्यमंत्री समेत दो मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकार वार्ता कर जबाव दिया है. उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस तीन चीजों पर – भय, भ्रम और भ्रष्टाचार पर आधारित राजनीति करती है. कांग्रेस ओबीसी के बीच राजनीति कर रही है.

ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मंत्री टंकराम वर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े, और प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही आरक्षण विरोधी रही है. राज्य में संविधान के मुताबिक सभी को आरक्षण दिया जा रहा है. भाजपा सरकार ने कानून सम्मत नियमों का पालन किया है. ओबीसी वर्ग को भाजपा पर्याप्त से ज्यादा सम्मान देगी. चुनाव के बाद ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधत्व पूर्व से अधिक होगा.

अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 33 जिला पंचायत हैं. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, अधिकतम 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है. 33 जिलों में 16 जिला अधुसूचित क्षेत्र है. पंचायती राज अधिनियम में अधिसूचित क्षेत्रों में एसटी वर्ग के लिए सीटें आरक्षित हो सकती हैं. राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग को 13 तक प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था के तहत 4 सीटें आरक्षित है. इस तरह से कुल 33 पद में 20 सीटें आरक्षित हो गई.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण हो जाता है, ऐसे में अध्यक्ष पदों पर ओबीसी आरक्षित सीटें नहीं हो सकती. जनपद अध्यक्ष, ग्राम पंचायत में सरपंच और जिला पंचायत सदस्यों को ओबीसी आरक्षण दिया गया है. कांग्रेस आरक्षण के मुद्दे पर बवाल करने में लगी. कांग्रेस झूठ और भ्रम फैलाने में लगी है.

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रायपुर, नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने उप मुख्यमंत्री समेत दो मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकार वार्ता कर जबाव दिया है. उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस तीन चीजों पर – भय, भ्रम और भ्रष्टाचार पर आधारित राजनीति करती है. कांग्रेस ओबीसी के बीच राजनीति कर रही है. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मंत्री टंकराम वर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े, और प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही आरक्षण विरोधी रही है. राज्य में संविधान के मुताबिक सभी को आरक्षण दिया जा रहा है. भाजपा सरकार ने कानून सम्मत नियमों का पालन किया है. ओबीसी वर्ग को भाजपा पर्याप्त से ज्यादा सम्मान देगी. चुनाव के बाद ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधत्व पूर्व से अधिक होगा. अरुण साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 33 जिला पंचायत हैं. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, अधिकतम 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है. 33 जिलों में 16 जिला अधुसूचित क्षेत्र है. पंचायती राज अधिनियम में अधिसूचित क्षेत्रों में एसटी वर्ग के लिए सीटें आरक्षित हो सकती हैं. राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग को 13 तक प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था के तहत 4 सीटें आरक्षित है. इस तरह से कुल 33 पद में 20 सीटें आरक्षित हो गई. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण हो जाता है, ऐसे में अध्यक्ष पदों पर ओबीसी आरक्षित सीटें नहीं हो सकती. जनपद अध्यक्ष, ग्राम पंचायत में सरपंच और जिला पंचायत सदस्यों को ओबीसी आरक्षण दिया गया है. कांग्रेस आरक्षण के मुद्दे पर बवाल करने में लगी. कांग्रेस झूठ और भ्रम फैलाने में लगी है.
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