टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने हिंदी भाषा का मजाक उड़ाया है। योगराज सिंह ने एक इंटरव्यू में हिंदी भाषा पर अभद्र टिप्पणी करते हुए इसे औरतों की भाषा बताया। योगराज सिंह का यह विवादित बोल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद हिंदी कवियों में काफी रोष है। लेखक मनोज मुंतशिर ने तो योगराज सिंह को मानसिक रोगी बताते हुए डॉक्टर से इलाज करवाने की सलाह दे डाली।
दरअसल इंटरव्यू में योगराज सिंह ने क्रिकेट के पिच से लेकर निजी जीवन की काफी बातें की। इस दौरान उन्होंने हिंदी को लेकर काफी अभद्र टिप्पणी की, जिसे लेकर हिंदी जगत के कवि गुस्सा हो गए।
योगराज ने इंटरव्यू में कहा कि हिंदी भाषा ऐसी लगती है जैसे कोई महिला बोल रही है। इस भाषा में कोई जान ही नहीं है। जब महिला बोलती है तो ठीक लगता है, लेकिन कोई मर्द बोलता है तो लगता है, क्या बोल रहा है ये क्या आदमी है? अपनी मातृभाषा पंजाबी को प्रमोट करते हुए उन्होंने कहा कि मर्दों की भाषा है, कि हाल है भाईसाहब। फिर कहते हैं हिंदी भाषा सुनकर लगता है, जान ही नहीं है। इतना ही नहीं, योगराज यहीं नहीं रुके और हिंदी भाषा की गलत तरह से नकल करने लगे।
योगराज की इस हरकत से हिंदी भाषाई कवि काफी नाराज हो गए हैं। हिंदी जगत के मशहूर कवि और बॉलीवुड राइटर मनोज मुंतशिर ने तो योगराज को मानसिक रोगी करार दिया।
लेखक मनोज मुंतशिर ने योगराज सिंह के वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि- युवराज सिंह ने देश का नाम ऊँचा किया, उनके पिता योगराज सिंह नीचता में नाम पैदा करने निकले हैं। सुनिए इस जाहिल को, “मर्दों की भाषा पंजाबी, औरतों की भाषा हिंदी”, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी भाषा और इस देश की वीर नारियों को अपमानित करने वाले इस महामूर्ख को ‘थप्पड़ की भाषा’ बताने वाला कोई होना चाहिए।
उन्होंने आगे लिखा कि- स्त्रीत्व और हिंदी, दोनों ने हमें सहनशक्ति सिखाई है वरना इस ज़हर उगलने वाले साँप के विषदंत तोड़ने वाले हिंदी माँ के बेटे-बेटियों की भारत में कोई कमी नहीं है। एक प्रार्थना इस रोगी के लिए अपने तेजस्वी गुरुओं की महान भाषा पंजाबी में करना चाहता हूँ।