दिवंगत पत्रकार मुकेश के परिजनों ने बताया कि अंतिम संस्कार करने के बाद अस्थियों को एक घड़े में रखकर उसे मुक्तिधाम के ही पेड़ में डाल से बांध दिया था। इन अस्थियों को कलेश्वरम में विसर्जन किया जाना था, जिसके लिए मुक्तिधाम के पास जब अस्थि कलश लेने पहुंचे तो अस्थि कलश गायब था। वहीं, उसकी खोजबीन करने पर 50 मीटर दूरी पर कलश टूटा और अस्थियां बिखरी पड़ी थीं। इस शर्मनाक घटना के बाद पत्रकारों और मुकेश के परिजनों में काफी आक्रोश है।
मुकेश ने सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार को किया था उजागर
दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर में करोड़ो की लागत से बन रहे घटिया सड़क निर्माण को लेकर खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद वह 1 जनवरी से लापता थे, तीन दिन बाद 3 जनवरी को उनका शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े में बने सेप्टिक टैंक में मिला था। उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट के 15 निशान मिले थे। इस मामले में सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी की टीम ने आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया है।